Book Title: Siddha Hemchandrashabdanu Shasanam Part 2
Author(s): Hemchandracharya, Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious

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Page 303
________________ २९८ श्रीसितोमवायनुशासन ब्राह्मणाद्वा 1६191३५॥ ब्राह्मणानाम्नि ७191१८४॥ ब्रुवः 1५191५१॥ ब्रूगः पचानां च ।४।२।११८॥ ब्रूतः परादिः ।।३।६३॥ भक्ताण्णः 1७191१७॥ भक्तोदनाद्वाणिकट् ६४७२॥ भोहिँसायाम् ।२।२।६॥ भत्यं हितमस्मै ।६।४।६९॥ भजति १६३३२०४॥ भजो विष् 1५191१४६।। भलिमासिमिदो पुरः ।५।२७४॥ मोजो वा RI४८॥ मद्रोणात्करणे ३।२।११६॥ भर्गात् गर्ने ।६।११५१॥ मर्तुः तुल्यस्वरम् ।३।१।१६२॥ भर्तु -संध्यादेरण ६।३।८९॥ भर्सने पर्यायव ७४९०॥ भक्तेः सिलुपि ।।३.१२॥ भक्तोरिकणीयसी ।६३॥३०॥ भक्त्वायु-र्यात् ७।२।९१॥ भविष्यन्ती ||३|| भविष्यन्ती-रे ३३१५॥ भवे ।६।३।१२३॥ भव्यगेयजन्य-नवा 14191७॥ भस्रादेरिकट ६२४॥ भागवित्तिता वा ।६।१।१०५॥ भागाघेको ६४१६०॥ भागिनि च-मिः ।२।२३७॥ मागेऽटमाज्ञः ७३॥२४॥ भाजगोण-शे २४॥३०॥ माण्डात्समाचितौ ३४|४00 मादितो वा ।२३।२७|| भानेतुः ७३१३३॥ भावकर्मणोः ३४॥६॥ भावपळो-णः ।६।१1११४॥ भाववचनाः ।५।३।१५॥ भावाकोंः ।५।३१८॥ भावादिमः ६ ॥ भावे ।५।३।१२२॥ भावे चाशि-ख. 14191१३०॥ भावे त्वत 1991५५॥ मावेऽनुपसर्गात् ॥५॥३५॥ मिलादेः ६२१०॥ भिवा-सेनाऽऽदायात् 1५191१३९॥ मितं शकतम् ॥२८॥ | मिदादयः ।५।३11०८॥

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