Book Title: Siddha Hemchandrashabdanu Shasanam Part 2
Author(s): Hemchandracharya, Chandraguptasuri
Publisher: Anekant Prakashan Jain Religious

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Page 329
________________ ३२४ श्रीसियडेक्कनसन्दानुशासनम् स्सटि समः 191३।१२।। | शश्वद्युगान्तः-वा 1५।२।१३॥ हशिटो ना-सक् ।३।४।५५।। हः काल-व्रीह्योः ।५।१।६८।। हस्तदन्त-तौ ७२२६८॥ हत्या- भूयं भावे ।५।१३६॥ हस्तप्राप्ये चेरस्तेये ।५।३।७८॥ हनः ।।३।८२॥ हस्तार्याद् ग्रह-तः ॥५४॥६६॥ हनः सिच् ॥४॥३॥३८॥ हस्तिपुरुषाद्वाण ७।१।१४१॥ हनश्च समूलात् ।५।४।६३॥ हस्तिबाहुकपा-को 1५1१८।। हनृतः स्यस्य ।४।४४९॥ हाकः ।४।२।१००। हनो घि २।३.९४॥ हाको हि: क्त्वि |४|४|१४॥ हनो जीर्वधे ।४।३।९९॥ हान्तस्थाञ् जीभ्यां वा ।२।१।८।। हनो णिन् 1५1१1१६०॥ हायनान्तात् ७।१।६८॥ हनोऽन्तर्घना-देशे ।५।३॥३४॥ हितनाम्नो वा ७४६०॥ हनो वध आ-औ ।४।४।२१॥ हितसुखाम्याम् ।२।२।६५।। हनो वा वथ् च ५।३।४६॥ हितादिभिः ।३।१७१।। हनो हो नः ।।1919१२।। हिमहतिकाषिये पद् ।३।२।१६।। हरत्युत्समादेः ।६।४॥२३॥ हिमादेलुः सहे 1७191९०॥ हरितादेरषः ।।११५५॥ हिंसाथदिकाप्यात् ।५।४।७४॥ हलक्रोडाऽऽस्ये पुवः ।५।२।८९॥ हीनात् स्वागादः ॥२॥४५॥ हलसीरादिकण् ।६।३।१६१॥ हुघुटो हेर्षिः ।४।२१८३॥ हलसीरादिकम् ७१६॥ हक्रोर्नवा २।२८| हलस्य कर्षे १७।१।२६॥ हगो गतताछील्ये ।३।३।३८॥ हवः शिति ।४191१२॥ हगो वयोऽनुधमे ।५।१।९५॥ हविरत्र-वा 1७19२९॥ हृदयस्य-ये ।३।२।९४॥ हविष्यष्टनः कपाले ।३।२७३॥ हल्दगसिन्धोः ७४२५॥

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