Book Title: Shrutsagar 2020 03 Volume 06 Issue 10
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
15
March-2020
SHRUTSAGAR म्हारी बहिनी हे बहिनी म्हारी खरतरगछं-कउ राउ हे,
सोहलइ२२ गाउं हुं दिनि दिनइ हे। म्हारी बहिनी हे बहिनी म्हारी श्रीगुणविनय उलासि हे,
___ सांभलि श्रीगुरु इम भणइ हे ॥५॥
विजयसिंहसूरि गीत फली असाडी आसवे२, गुरु चाहन” की भई चासवे५ । पूज तणे चरणे जाइ लागुं, धरमलाभ द्यउ इतनउ मागुं ॥१॥ फली...आंकणी देखउ आवी हम गृहद्वारा, जानी सूझत ल्यउ आहारा ॥२॥ फली... धरमराग तुम्ह सेती मेरा, नवि भावइ मनमांहि अनेरा ॥३॥ फली... जिनसिंह साधु परिवारइ, वष(ख)ति पधारे महलि हमारइ ॥४॥ फली... पूज तणउ हुँ उवारणइ जाउं, गुण-विनय प्रभु मोतीयडे वधाउं ॥५॥ फली...
शब्दकोश
१. निरुपम अने अनंत एवी ४. गुणनो अंश ७. प्रसिद्ध १०. ललाट(?) १३. जीतनार १६. छीछरुं
२. सुखशाताकारी ५. कोई पण ८. जन्म क्षणे ११. आपे १४. पुरुषार्थी १७.?
३. जीह्वा ६. युक्त ९. मोक्षमार्ग १२. अग्रेसर १५.? १८. हलकी जातनो घोडो
(टायडूं घोडु) २१. सौभाग्यनो २४. प्रेम २७. ओवारणा
१९. पापरूपी तापनो नाश करनार | २०. शोभ्यु
२२.?
२३.?
२५.?
२६. साथे
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36