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March-2020
प्राचीन पाण्डुलिपियों कीसंरक्षण विधि
राहुल आर. त्रिवेदी (गतांक से जारी) जीव-जन्तुओं को नियंत्रित करने के लिए रासायनिक प्रक्रिया
पाण्डुलिपियों का भौतिक संरक्षण उनका मौलिक उपचार है। हम तापमान और आर्द्रता को स्थिर स्तर पर रखने के लिए पर्यावरण-नियंत्रित मजबूत कमरे में वस्तुओं को संग्रहित करते हैं। हल्के नुकसान से बचने और कीटों को दूर रखने के लिए प्रायः सभी सामग्रियों को बक्से, फ़ोल्डर और रैपर में रखा जाता है।
अधिकांश सामग्रियों के लिए, एसिड-मुक्त आवरण पेपर का उपयोग किया जाता है, जिससे एसिड रसायनों द्वारा सामग्री को होनेवाले संदूषण से बचा जा सके। कागज पाण्डुलिपियों में पिन, पेपरक्लिप्स और स्टेपल को निकाल देना चाहिए। आवश्यक हो तो स्टेपल हेतु पीतल के पेपरक्लिप्स का उपयोग होना चाहिए, जिससे जंग नहीं लगता है।
जीव जन्तुओं को नियंत्रित करने के लिए उनके आने-जाने के प्रवेश मार्गों को बंद कर देना चाहिए। खिडकियों, दरवाजों तथा दीवारों में जहाँ भी दरार हो उसे बंद कर देना चाहिए। जीव-जन्तुओं को दूर करने के लिए योग्य उपाय करने चाहिए। जन्तू न आ सकें, ऐसी दवाईयों का उपयोग करना चाहिए।
इसमें इन केमिकलों का उपयोग किया जा सकता है - १) फिनाइल गोली (Naphthalene balls), २) जन्तु निरोधक चौक (Insects Repellents chalk), ३) ओडोनिल जेल (Odonile gel), ४) पेरा डाई-क्लोरो बेन्ज़ीन (Para Di Chloro Benzene)
इन कीट प्रतिरोधकों से कीटाणु हमेशा दूर रहते हैं। किन्तु इन दवाईयों को हर तीन महीने में बदलते रहना है और उस समय स्टोरेज स्थान की सफाई भी अनिवार्य रूप से करनी चाहिए। चूहे भी हस्तप्रतों को ज्यादा नुकसान करते हैं। इसके लिए पिंजरा(Traps) रखना जरूरी है।
(क्रमशः)
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