Book Title: Shrutsagar 2019 10 Volume 06 Issue 05
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 13 October-2019 SHRUTSAGAR जिण जीतु मार-विकार सखीजी, प्रवचनमात आधार, सखीजी....(द्रुपद) अष्ट विधान पूरइ भलांजी, विद्या चौद निधान । आगम-अरथ सवि जाणताजी, गुरुजी जगह प्रधान ॥२॥सखीजी... जंबू वयर अनइ वलीजी, थूलिभद्र मुनिवर सार । तुम वंदि ते वंदीआजी, जे गुरु जगमांहिं सार ॥३॥सखीजी... जंगमतीरथ जांणीइजी, महिमा मेरू समान। गुण छत्रीस अलंकर्याजी, जिनशासन सुलतान ॥४॥सखीजी... लोचन अमीअ कचोलडाजी, मुख जिसउं पूनिमचंद। अमृत जिसी(सिइं) देसनाजी, मोहइ नरवर इंद ॥५॥सखीजी... सा. रूपा-कुलि हंसलुजी, अमरादे मात मल्हार । भवीअणना मन मोहताजी, प्रतिपूजा द्रु-तार ॥६॥सखीजी... कर जोडि इम वीनवइजी, विजयचंद्र गणि, सीस। श्रीय सोमविमलसूरिजी चिरंजयुजी, सकलचंद्र दिइ आसीस ॥७||सखीजी... अज्ञात कृत हीरविजयसूरिजी सज्झाय ॥ ॐ नमः ॥१॥ ॥२॥ ॥३॥ वंदिय वीर जिणेसर राय, पणमिय गोयम गणहर पाय । थुणसुं हीरविजयसूरिंद, सोहगवल्ली केरउ कंद नाथी-कूख-सरोवरहंस, सा. कुंरा-कुलअंबर-हंस । भविककुमुद-पडिबोहण-चंद, वंदउ हीरविजयसूरिंद चरण-करणगुण-पूरि देह, मंगलकमला केरउ गेह। मोहमहातम-हरण-दिणिंद, वंदउ हीरविजयसूरिंद वाणी जास सुधा-आसार, कोप-महादव-टालणहार । मयणकंस-गंजण-गोविंद, वंदउ हीरविजयसूरिंद गुणमणि-रोहण नाणनिहाण, आगम सयल वखाणइं जाण । धीरपणइ जि(जी)त मेरू निगं(गिरी)द, वंदउ हीरविजयसूरिंद जस परिमल दह दिशि महमहइं, कीरति त्रिभुवनि जस गहगहई। जसु दरिसन दिठइं आणंद, वंदउ हीरविजयसूरिंद ॥४॥ ॥५॥ ॥६॥ For Private and Personal Use Only

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