Book Title: Shrutsagar 2019 10 Volume 06 Issue 05
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर अक्टूबर-२०१९ महिमंडल महिमा घणो मनमोहन, श्रीधर्मसागर उवझाय लाल मनमोहन । श्रुतकेवलि जगि जाणीओ मनमोहन, कनकवर्ण सम काय लाल मनमोहन ॥४॥ लब्धिनिधान गुरु गौतम मनमोहन, श्रीलब्धिसागर उवझाय लाल मनमोहन । सुंदर रूप अनोपम मनमोहन, वादीराय कहाय लाल मनमोहन ॥५॥ श्रीनेमिसागर वाचक जयो मनमोहन, प्रणमइं सुर नर इंद लाल मनमोहन। श्रुतसागर प्रभु वीनवइं मनमोहन, श्रीराजसागरसूरिंद लाल मनमोहन ॥६॥ श्री वीरविजयजी कृत विजयदेवेन्द्रसूरिजी भास ॥ वाजे वाजे ढोल निसांण, वाजे रे सरणाइ सरला सादनी-ए देशी॥ जगवल्लभ जगपूज्य, भविजनने पडिबोहता। चरण-करण-गुणखांण, निर्मल ज्ञाने सोहता मनोहर रूपनिधांन, वली जिनभक्ति-प्रिय सदा। जेहना चरणनी सेव, संघ सकल करे मुदा ॥२॥ गुरुसेवा-कल्पवेल, सेवंता गछपति थया। प्रबल पुन्यने योग, वैरी झांखा थइ गया एहवो महिमावंत, गछपतियां अति दीपतो। विजयदेवेंद्रसूरिराय, तप-तेजें अरिगण जीपतो ॥४॥ राय राणा सामंत सेठ, मंत्रि आदे से सहु। सा. अमीचंदकुलभाण, सरुपादेसुत प्रतपो बहु श्रीशुभवीरनी वांण, गुरुमुखथी जे सांभले। धर्म आराधीने तेह, शिवरमणीने जइ वरे ॥६॥ ॥१॥ ॥३॥ ॥५॥ " क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं ? आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित | बहुमूल्य पुस्तकों का अतिविशाल संग्रह है, जो हम ज्ञानभंडारों को भेंट में देते हैं। भेंट में | देने योग्य पुस्तकों की सूची तैयार है। यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं, तो यथाशीघ्र संपर्क करें। पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रंथपाल मा For Private and Personal Use Only

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