Book Title: Shrutsagar 2019 10 Volume 06 Issue 05
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर अक्टूबर-२०१९ श्री कल्पेशभाई वी. शाह ने कहा कि “आज अत्यन्त प्रसन्नता का अवसर है, सुकृत के सर्जन का अवसर है। शेरीसा जैसे प्राचीन तीर्थ में मायाबेन वसन्तभाई झवेरी ने जो लाभ लिया है, इसके लिए उन्हें तीर्थमाता कहना योग्य है। इस अवसर पर पूज्य गुरुदेवश्री लम्बा विहार करके यहाँ पधारे, यह हमारा अहोभाग्य है। मैं लाभार्थी परिवार की तथा श्री सचिनभाई के पुरुषार्थ की हृदय से अनुमोदना करता हूँ।” इस पावन अवसर पर पूज्य गुरुदेवश्री ने कहा कि “वर्तमान जीवन प्रभु की कृपा से मिला है। इतनी बड़ी दुनिया में प्रभु का शासन मिलना और प्रभु की प्राप्ति होना यह हमारा सौभाग्य है। सुकृत कार्यों से अनेक आत्माओं को सुन्दर प्रेरणा मिलती है। इस प्राचीन तीर्थभूमि में नई ऊर्जा और शुभभाव जाग्रत करने की शक्ति है। परमात्मा ने चार प्रकार से धर्म बतलाया है, जिसमें सर्वप्रथम शब्द “दान” है और यह दान मोक्ष का बीज है। पुण्यशाली परिवार जिन्होंने यह सुन्दर लाभ लिया है, मैं उनको अन्तर से आशीर्वाद प्रदान करता हूँ और यह शुभकामना देता हूँ कि उनके हाथों से ऐसे अनेक सुकृत होते रहें। इस अवसर पर विशेष रूप से उल्लेख करते हुए पूज्यश्री ने कहा कि भारत के विभिन्न संघों के जिनालयों के जीर्णोद्धार तथा रक्षणकार्य में जिनका मुख्य सहयोग प्राप्त होता रहा है, ऐसे शेठ श्री आणंदजी कल्याणजी पेढी तथा शेठ जीवणदास गोडीदास पेढी, दोनों के सभी ट्रस्टियों तथा कार्यकर्ताओं को मैं खूब-खूब आशीर्वाद और शुभकामना प्रदान करता हूँ। इसी प्रकार शासन के कार्य करते रहें, परमात्मा की कृपा इनके ऊपर बरसती रहे, यही शुभ भावना है।" इस अवसर पर राष्ट्रसन्त पूज्य गुरुदेवश्री के साथ मुनि पुनितपद्मसागरजी तथा बालमुनि पार्श्वपद्मसागरजी म.सा. पधारे और प्रातः शुभमुहूर्त में मंगल मंत्रोच्चार के साथ लाभार्थी परिवार के हाथों से दोनों भवनों का लोकार्पण हुआ। * . * - पंडित की लाता भली, भली न मरख वात। उन लाते सख ऊपजे, इन वाते घर जाय(त)। प्रत क्र. ०२७९२ भावार्थ :- विद्वान पुरुष यदि क्रोध में आकर लात भी मारे तो अच्छा है, | परन्तु मूर्ख व्यक्ति मीठी बातें भी करे तो अच्छा नहीं है। क्योंकि विद्वान व्यक्ति की | लात से भी सुख प्राप्त होता है, लेकिन मूर्ख व्यक्ति की बातों से घर बिगड़ जाता है। For Private and Personal Use Only

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