Book Title: Shraman Bhagvana Mahavira
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 7
________________ प्रकाशकीय श्रमण भगवान् महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के २६००वें वर्ष के पुनित अवसर पर प्रस्तुत ग्रंथ का प्रकाशन करते हुए हमें अपार हर्ष एवं आनन्द का अनुभव हो रहा है । श्रमण भगवान् महावीर के जीवन के सम्बन्ध में आगम साहित्य में विपुल सामग्री उपलब्ध है । विशाल आगम साहित्य में यत्र तत्र बिखरी हुई जीवनघटनाओं का संकलन एवं समायोजन एक बहुत बड़ी चुनौती है । इन चुनौती को मुनि श्री कल्याणविजय जी ने वर्षों पूर्व सुचारु रूप से परिपूर्ण की थी। उसके महाप्रयास का सुफल ही प्रस्तुत श्रमण भगवान् महावीर ग्रंथ है। इस ग्रंथ में मुनिश्री ने अनेक ऐतिहासिक एवं साहित्यिक प्रमाणों के आधार पर श्रमण भगवान् महावीर का जीवन चरित्र ग्रथित किया है जो अपने आप में अनूठा है। अनेक अल्पज्ञात और अज्ञात घटनाओं का वर्णन करनेवाला हिन्दी भाषा में सर्वप्रथम ग्रंथ है । मात्र जीवन चरित्र ही नहीं किन्तु श्रमण भगवान् महावीर के मौलिक उपदेश को भी यहाँ प्रस्तुत किया गया है । अतः यह ग्रंथ एक संदर्भ ग्रंथ की कक्षा में आ गया है । प्रस्तुत ग्रंथ की महत्ता के कारण ही यह ग्रन्थ कुछ साल पूर्व अनुपलब्ध हो चुका था । अतः प्रस्तुत ग्रंथ का पुनःमुद्रण आवश्यक था । २६००वें जन्मकल्याण वर्ष में प्रस्तुत ग्रंथ का पुनःमुद्रण हो रहा है यह एक सुअवसर है । मुनिश्री कल्याणविजय जी प्रकांड इतिहासवेत्ता एवं जैन आगम के आरूढ़ विद्वान् थे । उन्होंने श्रमण भगवान् महावीर के निर्वाण संवत् के विषय में भी बहुत सूक्ष्म संशोधन कर के एक ग्रंथ लिखा है, जो प्रस्तुत संस्थान से पुनः मुद्रित हुआ है । जिसमें अनेक ग्रंथों के आधार पर निर्वाणसंवत् के विषय में ऊहापोह करके अपना निर्णय स्पष्ट किया है । वह ग्रंथ मुनिश्री की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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