Book Title: Shatpadi Bhashantar
Author(s): Mahendrasinhsuri
Publisher: Ravji Devraj Shravak

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Page 12
________________ (१२) शतपदीनुं सारांश. ५ मुनिचंद्रमूरि तथा देवसूरिनी आचरणा. १०५ ६ उपदेशमाळानी शिक्षाओ. १०६ ७ खरतरोनी आचरणाओ. १०७ ८ वडगच्छ तथा स्वगच्छनी उत्पत्ति. १०८ ९ दिगंबरो साथ चर्चा. १०९ lege लघुशतपदीनो साराश. १ शतरभेदी पूजाज करवी. ९ २ आरती मंगळदीवा न करवा. १२ ३ प्रतिमाना कंठथी माला लइ श्रावकोए नहि पहेरची. १३ ४ साधुए पडिकमणामां चैत्यवंदन तथा नित्ये क्षेत्रदेवतानी थु इओ नहि कहेवी. १९ ५ पंचपर्वी नहि पण चौपर्वी मानवी. ३५ ६ औदायक तिथि न लेवी. ३६

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