Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 03
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 239
________________ २२८ संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास देव ('दैवम्' ग्रन्थ का रचयिता) II. १०४:२३.१०५,१। देवाण शर्मा (अष्टा० वृत्तिकार) I. ५५२०२६ । देवगिरि (वर्तमान-दौलताबाद) I. ७१६,२६ । देवचन्द्रसूरि (= चन्द्रदेव सूरि) I. ६९६,५॥ देवदत्त शास्त्री (अष्टा० वृत्तिकार) L ५५२,१५ । देवनन्दी' (जनेन्द्र व्याकरणकार) I. ६९,१६७७,२६६६६,४। ४८४,१४।५६३,१७/६०८.१२१६०९,३०।६३५,६।६५६, १६६६०.६।६६२,१८१६६७. १७०८,७ । II. ६०,१५॥ ११६,६।१८१०२०।२६१,१६।२६२,१२२८२,२२।२८३,६। देवनारायण (भूपति) I ६०५,२१।। देवनारायण त्रिवेदी (तिवारी जो के नाम से प्रसिद्ध काशी के सर्वो न वैयाकरण) I. ४२०,२६ । देवपाल (लौगाक्षि-गृह्य व्याख्याता) I. ११३,११ II. ४०३:१८ देवबोधः (महाभारत टीकाकार) I. ४६,१३६१,१६।६३,२२२४५, ७।२४६,५। देवमित्र (विष्णुमित्र का पिता) II. ३७०,२११३७६.६ । देव याज्ञिक II. ४१७.१०। (द्र० 'अनन्त', 'अनन्त देव याज्ञिक' शब्द) देवराज, देवराज यज्वा, यज्वा (निघण्टु-टीकाकार) I. ४५८,१४। ५०१,२६१६८६,२०६६१,५। II. ७६.१६६०,१२११८, ६।२१३,४।२२६,१२२५२०२६।२५३,१७ । III. १२.३१। देवल. (मुनि, काव्यकार) I. ३७३,२२ । III. ९४.११) देव शर्मा (नारायण का पिता) I:४६२०१० देवसहाय (पा० सूत्रवृत्ति टिप्पणीकार) I. ५५०.५। देवसुन्दर (मुणरत सूरि का गुरु) देवसूरि I.७११,५। देवीबत (रामसेवक का पिता) I.४६३५३९। १. पूज्यपाद' तथा 'दिग्वस्त्र' शब्द भी देखें।

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