Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 03
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 296
________________ । बारहवां परिशिष्ट . २८५ शेष' (परम्भट्ट का गुरु) I. ५३५,२०। शेष अनन्त' I. ४३८,१२।। शेषकार (नानार्थ-मञ्जरी में उद्घत) I. ३८३,२७। शेष कृष्ण I. ४३५,२६१५३१.६१५३२,१८१५३३,११५३६,२। ५६२,३।५६५,७१५६६,२६। II. २५८,४।४५६,४। शेष कृष्ण कवि (स्फोटतत्त्वकार) II ४४५.११॥ शेष गोविन्द-द्र० 'गोविन्द (शेषवंशीय)' शब्द । शेष चक्रपाणि-द्र० चक्रपाणि (शेषवंशीय)' शब्द । शेष नृसिंह (कृष्णाचार्य का पुत्र) I. ४५४,५। अन्य शेषवंशीय नृसिंहों के लिये 'नृसिंह' शब्द देखें। शेषनारायण I.'३१७,३।४०६,१६१४३४,१९।४४०,५०४४३,५॥ ५३७,१३॥ शेष भट्टारक (हैम व्या० में उद्धृत): I. ६६६.६। शेषराज (=पतञ्जलि) I. ३५६,१७।३५७,१४४ शेष समचन्द्र (प्र. कौमुदीकार से भिन्न) द्र० रामचन्द्र पण्डित' शब्द। शेष रामेश्वर II. ४५६,४। शेष विष्णु I.४३६,१८१४३७,२।४३८,६।४४२,२२ II. ३१८,६। शेष वीरेश्वर I. ६०३,२क्ष, वीरेश्वर'.."शब्द । शेष शर्मा (परिभाषेदुशेखरस्टीकाकार).३२८,२० शेष शाङ्गधर I.४३८.१४॥ शेषाद्रि, शेषाद्रि सुधी, शेषाद्रिनाथ सुधी II. ३११,२२।३२७,१३। ३२६१० शेषाहि (पतञ्जलि) I. ३५६,१७।३५७११६॥ शैत्वायन I: ७७.६॥ II. ४०३,१०॥ १. यहां 'शेष' से अभिप्राय सम्भवतः शेषंकृष्ण' से है। २. यहां 'अनन्त शेषवंशीय' शब्द भी देखें। ३. 'कृष्ण (शेषवंशीय)' शब्द भी देखें। ४. वहां 'रामेश्वर (=वीरेश्वर वटेश्वर) शब्द तथा 'वीरेश्वर' 'वटेश्वर' शब्द भी देखें।

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