Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 03
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 238
________________ ... बारहवां परिशिष्ट २२७ दिल्ली-III. १७३,१५१८९,१५।। दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय III. १८७,१६।१८६,७ । दिवोदास (राजा, प्रतर्दन का पिता) I. १००,१०। . दुर्ग, दुर्गाचार्य, दुर्गसिंह, भगवदुर्ग (निरुक्त-वृत्तिकार) I ६८, २८।६९,१३।९४,१३।१६३,२२११७६,१८।२३८,१८१२८४, १५।६३३,३,११,२४ । III. १०१,१०। दुर्ग, दुर्गसिंह्म दुर्गसिंह्म, भगवान् वृत्तिकार (कातन्त्र-वृत्तिकार)I. ३८,११११५३,२२।४८६,८१५०५,१२।६२१,६।५२३,२५॥ ५२८,२२१६३.०,१७४६३३,२६ । II. १५,२२।१६,१०। ११७,२२।११८,१।११६,११।१२०,६।१४६,२२।२२१,१ । दुर्गसिंह (कातन्त्रवृत्ति-टीकाकार) I. २४६,२१ । .... · दुर्गसिंह (उणादि-वृत्तिकार) I. ३६६,२५ । II. २५६,१० । दुर्गसिंह (परिभाषा-वृत्तिकार) II. १६,१०।३३१,१६।३३२, ....... १३३३३३,८ ।. . दुर्गसिंह, दुर्गात्मा, दुर्ग, दुर्गप (लिङ्गानुशासनवृत्तिकार) I. ६३१ १। II. २८७,२५।२८८,११।३३४४।..... दुर्गादास, दुर्गादास विद्यावागीश (कविकल्पद्रुम-टीकाकार) II. ८८,१।११८,२६।१२१,११।१४०,१८ । दुर्गादास (मुग्धबोध-टीकाकार) I. ७१६,१० । II. १९६,१३ । दुर्गा प्रिटिंग प्रेस (अजमेर) I. ३४७,२०। दुर्बलाचार्य II. ४५६,२। । दुविनीत (राजा) I. ४६७,२७।४६८,४।४६१,६।४६२,३१५०३, १८६६३१,१८ । दुर्वेक मिश्र (हेतुबिन्दुटीकालोककार) ५१६,९८५६२,२९।१६३, दृढबल (चरक संहिता का पूरक) I. ३७३,१६।३७६,२८। दप्तबालाकि गाये I. १६२, १०। देव (पुरुषोत्तमदेव) I ४२८,१०।४३१,५ । ('पुरुषोत्तम देव' ... - शब्द भी देखें)

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