Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 03
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 285
________________ संस्कृत व्याकरण-शास्त्र का इतिहास १५१५३६,३१५३७.१४।५३६,५३५४०,२२५६०,२१५६२ - ५६४।६६२,७१७०७,६७१६.२ । 1. १०७।१३३,३४। ... २०५,१३३२११,१७।२५७,२६।२५८.३।३१८,८३५८,६ । विठ्ठलाचार्य (अनन्ताचार्य का पौत्र) I. ४३६,१३॥ विट्ठलेश (स्वरप्रक्रियाकार) III. १३४,६१ . विण्टरनिट्ज I. ५३२,७ विदग्ध शाकल्य I.१८४,२। विदेह जनक I. २७१,२।। - विद्यानन्द (विद्यानन्द व्याकरणकार) I. ६०६,२१॥ विद्यानन्द (अपरनाम विजयानन्द) I. ६२४,१५।६२५,८। II. ८१,६। .............. विद्यानन्द (प्रकीर्णकार) I. ३३५,२॥ .. . विद्यानाथ दीक्षित I. ५९७४। विद्यानाथ शुक्ल (शब्दकौस्तुभ टोकाकार) I. ५३४,१२। विद्यानिधि (लिङ्गानुशासनकार?)-I. ३००,२४। . विद्यानिवास (मुग्धबोध-टीकाकार) I. ७१६,१६ विद्यापति I. ५६६,२० विद्यारण्याचार्य III. ३,२।१२.२४. . . विद्यावागीश (मुग्धबोध-टीकाकार) I. ७१९,६॥ विद्याविनोद (न्यायपञ्चानन का पिता) I. ७०५,१८६ - II. ४८५,११४८६,१३। ... .... विद्याविनोद (भट्टचन्द्रिका का कर्ता) II. ४८३,५। . . विद्यासागर (कन्दर्प शर्मा द्वारा स्मृत) II. ४६०,१५॥ . विद्यासागर(अष्टोत्तरशतनाममालिका का कर्ता)III. १६४,२७१ विद्यासागर मुनि (काशिका व्याख्याता) L ४९६,११४५७३,१॥ विनयचन्द्र (हैम ढुण्ढिकाकार) I.७००,१ विनयविजय I. ६५८.२॥ विनयविजय गणी I. ७००,१४। 11. १३८,रा - विनयसागर (उपाध्याय) I. ६०८,१७।६८५,६७०४,२९७२१, २४।७२२, रा. ११६,११११३८,१०1 III. १२५,६॥

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