Book Title: Sanskrit Vyakaran Shastra ka Itihas 03
Author(s): Yudhishthir Mimansak
Publisher: Yudhishthir Mimansak

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Page 258
________________ बारहवां परिशिष्ट २४७ । भट्टारक हरिश्चन्द्र -द्र० 'हरिश्चन्द्र भट्टारक' शब्द । भट्टि, भट्टि स्वामी I. ३६६ २३ । II. ४८१,११४८४,२६।४८६,४ भट्टोजि दीक्षित I. ३७ ११४५,२८।५४,१६।११७,२४।१३५.८ इत्यादि बहुत्र । II. ८,२२।५४,२६ ६३,१५७१,१७११४, २।११५,१७ इत्यादि बहुत्र । III. ११६,२५।१३३,२५ । भण्डारकर डाक्टर II. ४६४,१८ । भण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीट्य ट', पूना I. ७०,१४। १०३,२२।४१०६ । II. ३०८०२८१४४७,१७ । भण्डारकर प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान', पूना I. ४५१,३।४५६,१४। ४६२,११४६३,१७।५३१,२।५८७,२४१५८६,७।५९०,६। ५६२,६।५६७,१६:५६८,२०१६००,१७।६०४,१६।६४४,३॥ ७१२,७ । II. ९७,२०१६८,११।१४३,६।२२३,४।२५१, २०१२७८,२२।२८१,२२।२८५,१६।३१६,१४।३२०,१०॥ ३२४,१११३२५,१३।३८५,५ । III. १२६,१६१८५,१५। भ० दा० साठे I. ५४२,१६ ।। भद्रबाहु सूरि उपाङ्गी I. ६६४,१७ । भद्रेश्वर सूरि I.७८,५।६०८,१८०६०६,१३।६६३,१८ । II. .. ११६,३।१३४,१०।१८६,७।१६२,२८ । । भरत (चक्रवर्ती महाराजा) I. ६६,६।१०१,६ । भरतमित्र I. १९०,२० । II. ४३२.१५॥४३३,१४।५५२.२१॥ ५५४,११५५५,४॥ भरतमुनि I. १६,१३।२४,२६ । भरतसेन (द्रत बोध व्या० कर्ता) I. ७२३,१५ । भरतसेन (भट्टिकाव्य-टीकाकार) II. ४६०,२५ । '. भरद्वाज (बृहस्पति-पुत्र) ७१,२२।७६,५२८६.१।६०,१२।६६,६। १. कहीं-कहीं 'भण्डारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट' के नाम से है। उनका भी निर्देश ऊपर ही कर दिया है। २. कहीं-कहीं 'भण्डारकर शोध संस्थान' के नाम से उल्लेख है। उनका भी निर्देश ऊपर ही कर दिया है ।

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