Book Title: Ransinh Charitram Author(s): Shubhshil Gani Publisher: Hiralal Hansraj Pandit View full book textPage 3
________________ // श्रीजिनाय नमः // रणसिंह चरित्रम् // 1 // // 1 // // अथ श्रीरणसिंहचरित्रं प्रारभ्यते // गद्यबद्ध | FeeeeeeeeeeeesCCE छपावी प्रसिद्ध करनार-पण्डित हीरालाल हंसराज. पूर्व तदंगजातस्य / रणसिंहस्य कथ्यते // चरित्रं चारुचरितं / कर्मक्षयविधायकं // 1 // जंबूद्वीपे समृद्धं विजयपुरं पुरमस्ति, तत्र विजयसेनो नृपः. तद्गृहे अजयाविजयानाम्न्यौ हे राश्या. तयोर्मध्ये विजयानानी राज्ञोऽतीववल्लभा, भो सार्द्ध विषयसुखमुपभुजाना विजया गर्भवती जाता, तामापन्नसत्त्वां दृष्ट्वा अजPage Navigation
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