Book Title: Ranpingal  Part 01
Author(s): Ranchodbhai Udayram
Publisher: Kutchh Darbari Mudrayantra

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना. AranAmAAAAAAAAAAA कविता भगी दोरायलुं छे. अने तेने दैवी अने लौकिक शक्तिना उत्तेजक रूपे आत्माने आनंद आपनार मानेछे. अने तेटला माटे ए संबंधी ज्ञान आपनार शास्त्रने छंदःशास्त्र एटले चित्तने आनंद आपनार वाणी गोठववाना नियमवाळु शास्त्र केहेछे. छंदःशास्त्रना मूळ योजक कोण अने ए क्यारे अने क्यां योनायु ए हजु स्पष्टपणे जाणवामां आव्युं नथी. आपणा महर्षियो तेने वेदनुं अंग मानछे अने वेद रचना बहुधा छंदोमय छे तेथी ते वेदकाळथी पहेलां हशे एम कल्पी शकायछे. प्राचीन ग्रंथोमां आ शास्त्रनी परंपरा जोवा जइये छिये तो तेना मुख्य आचार्य महादेव छे. तेमनी पासेथी देवताना पति इन्द्रदेव शीखला छे. इन्द्र पासेथी च्यवनमुनि शीख्या अने तेमनी पासेथी बृहस्पतिए, बृहस्पति पासेथी मांडव्यऋषिये छंदोज्ञान मेळव्युं छे. मांडव्य पासेथी सैतव ऋषिये अने सैतव पासेथी यास्क मुनिये अने तेमनी पासेथी पिंगलाचार्ये ए शास्त्रनुं अध्ययन कर्यु छ. अने तेमनी पासेथी अन्याचार्योए ए ज्ञान प्राप्त कयु. ए प्रमाणे श्रीमान् रामानुजाचार्यना गुरु, छंदःसूत्रपरनी पोतानी यादवप्रकाश नामनी टीकामां जणावले.१ ___ आ उपरथी एटलुं तो नक्की थायछे के, पिंगलाचार्य पेहेलाना गमे ते छंदःशास्त्रकारो होय परंतु तेमना ग्रंथो पिंगल मुनिना ग्रंथ जेटला आ देशमा प्रवा नथी. लौकिक छंद अने वैदिक छंदन विवरण प्राचीन आचार्योमा जेवू महर्षि पिंगले कर्यु छे तेषु अन्याचायें करेलु नथी; तेथी तेमने छंदशास्त्रना मूळ प्रवर्तक मान्या छे. पिंगलमुनि कोण हता, क्यारे अने १. छंदोज्ञानमिदं भवाद्भगवतो लेभे सुराणां पतिः तस्माद्दुश्च्यवनस्ततः सुरगुरुमाण्डव्यनामा ततः । माण्डव्यादपि संतवस्तत ऋषियास्कस्ततः पिंगल: तस्येदं यशसा गुरोर्भुवि धृतं प्राप्यास्मदाद्यैः कमात्॥ For Private And Personal Use Only

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