Book Title: Punyadhya Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 3
________________ SA पुण्याहय चरित्र // 2 // सान्वय भाषांतर // 2 // - अन्वयः-शक्ती दीनः, अकुलीनः, अंगहीनः अपि पुण्यात्यनृपः यत् नृपपुंगवैः असेवि, तेन पुण्यं प्रमीयते. // 1 // अर्थ:--अशक्त, हीन कुलमा जन्मेलो तथा हाथपग विनानो छतों पण पुण्यात्य नामनो राजा जे महान् राजाओवडे सेवायो, तेथी पुण्यनी हयाती साचीत थाय छे. // 1 // तथाहि विश्वहृद्वाहि महत्त्वद्योति विद्यते / माकेलिपद्म पद्मायाः सद्म पद्मपुरं पुरम् // 2 // अन्वयः-तथाहि-विश्वहृयाहि, महत्त्वद्योति, माकेलिपा, पद्मायाः सब पद्मपुरं पुरं विद्यते. // 2 // अर्थ:-जगतना हृदयमा (पोतामाटे) उमदो अभिमाय धरावनालं, विस्तारथी शोभीतुं थयेलु, पृथ्वीने क्रीडा करवा माटे कमल सरखं, अने लक्ष्मीदेवीना आवास सरखं पद्मपुर नामर्नु नगर छे. // 2 // तत्र क्षत्रियसंग्रामसत्त्रधाम भुवो विभुः। अभवदभुवनाम्भोजतपनस्तपनाभिधः॥३॥ अन्धयः-तत्र क्षत्रियसंग्रामसत्त्रधाम, भुवनांभोजतपनः, तपनाभिधः भुवः विभुः अभवत् // 3 //

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