Book Title: Punyadhya Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ - - - - -- - 000000000000000000 पुण्याच चरित्र भाषांतर 00000000 CD मृदुगर्जितवायेन मदषट्पदगीतिभिः / श्रियमले निजक्रीडानर्तकीमिव नर्तयन् // 25 // वनदेवीभिरप्येष वीक्ष्यमाणः कुतहलात / शनैर्वनान्ममागारमागान्नागाधिपः खयम् // 26 // अन्वयः-अथ स हस्ती कथं ग्राह्यः / इति चिंताचकितचेतसः मम प्रमोदरोमांचपचयं रचयन् // // 23 असम्यक्त्वं मुक्तिस्पृह इव एतदथिनं मां प्रहसता सतां चित्ते चमत्कारं प्रपंचयन् // 24 // मृदुगर्जितवाद्येन, मदषट्पद गीतिभिः निजक्रीडानर्तकी / इव श्रियं अग्रे नर्तयन् // 25 // वनदेवीभिः अपि कुतूहलात् वीक्ष्यमाणः एषः नागाधिपः स्वयं शनैः वनात् मम आगारं आगात // 26 // चतुर्भिः कलापकं / / . 1 अर्थ:-हवे आ हाथीने केम पकडवो ? ए रीते चिंतातुर मनवाळा एवा मने हर्षना रामांचीनो समूह उपजावतो तथा.(पोते).समकीतरहित छतो मुक्तिनी इच्छा राखनारनी पेठे, आ हाथीनी इच्छा करनारो जे हुँ, तेनी हाँसीकरता का (80) सजनोना मनमा आश्रर्य उपजावतो, // 24 // मनोहर गर्जनारूपी वाजित्रसाथे, तथा (झरता) मदनी (आसपास भमना) DODOG OOOOOOOOOOOOOOOOOOOD Panchay a k

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