Book Title: Puja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 12
________________ x... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... बनारस खरतरगच्छ संघ की पेढ़ी में आप अध्यक्ष पद पर हैं। भेलूपुर मन्दिर के दोष निवारण एवं चंद्रावती आदि कल्याणक भूमियों के जीर्णोद्धार के लिए आप विशेष रूप से प्रयासरत हैं। आपके आंतरिक प्रयासों एवं कार्य सिद्धि के विश्वास को देखते हुए यही कह सकते हैं भाग्य तुम्हारा नभ के ग्रह नक्षत्रों के पास नहीं। जो चाहो तुम पा सकते हो, हो मन में यदि विश्वास सही।। ज्ञान विदुषी साध्वी सौम्यगुणाश्रीजी के बनारस अध्ययन काल के दौरान आपने हर प्रकार की सेवाएँ देकर उनकी अध्ययन यात्रा को निर्विघ्न बनाने में सहयोग दिया। बनारस से चंद्रावती प्रथम पैदल संघ का लाभ आपके परिवार द्वारा भी लिया गया था। उसी संघ के दौरान जिनपूजा, मन्दिर आदि आवश्यक विषयों पर सूक्ष्म एवं मार्मिक चर्चाएँ हई। जन सामान्य के लिए इनकी उपयोगिता देखते हुए आपने जिनपूजा सम्बन्धी पुस्तक प्रकाशन करवाने की इच्छा अभिव्यक्त की। आज आपकी मनोभावनाएँ कल्पनाओं के गगन से साकार रूप ले रही है। इस मंगल अवसर पर सज्जनमणि ग्रंथमाला प्रकाशन पार्श्वनाथ दादा के चरणों में यही प्रार्थना करता है कि आप सतत धर्म मार्ग पर इसी प्रकार गतिमान रहें एवं आत्मलक्ष्य को प्राप्त करें।

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