Book Title: Pratikraman Sutra Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 31
________________ कम कम कम चौद राजलोक (समस्त लोकालोक के शाश्वत ज्ञान दर्शन को धरनेवाले) अप्पडिहय-वर-नाणदंसण-धराणं कम नियंग पूर्ण न्या कम. कम कम लोक कम वांसला और चंदन की ओर समान वृत्तिवाले होकर छद्म कर्म के आवरण दूर करनेवाले वियट्टछउमाणं सर्वज्ञ-सर्वदर्शी, रुज अनत-अक्षय-अव्याबाध पुनरावृत्ति- सिद्धिगति-नाम-स्थान- संप्राप्त मुत्ताण माअगाण 000000000000 pooooooo ००००००० Greterm बुद्धाण बहियाण तिण्णाणं तारयाणं O ANTONOMISTA जिणाणं जावयाण 300 मोक्षनगर में प्राप्त कवल्य बोधवाल अज्ञान समुद्र को तैरनेवाला ३० मोह को जीतनेवाला

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