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कम
कम
कम
चौद राजलोक
(समस्त लोकालोक के शाश्वत ज्ञान दर्शन को धरनेवाले) अप्पडिहय-वर-नाणदंसण-धराणं
कम
नियंग
पूर्ण न्या
कम.
कम
कम
लोक
कम
वांसला और चंदन की ओर समान वृत्तिवाले होकर
छद्म कर्म के आवरण दूर करनेवाले वियट्टछउमाणं
सर्वज्ञ-सर्वदर्शी,
रुज अनत-अक्षय-अव्याबाध
पुनरावृत्ति- सिद्धिगति-नाम-स्थान- संप्राप्त
मुत्ताण माअगाण
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००००००० Greterm
बुद्धाण बहियाण
तिण्णाणं तारयाणं
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ANTONOMISTA
जिणाणं जावयाण
300
मोक्षनगर में प्राप्त
कवल्य बोधवाल
अज्ञान समुद्र को तैरनेवाला
३०
मोह को जीतनेवाला