Book Title: Pratikraman Sutra Sachitra
Author(s): Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 81
________________ wwww पयणे छक्कायसमारंभ बीए अणुव्वयम्मि कन्या- गौ- भूम्यालिक सहसा रहस्सदारे कूडतुल कूडमाणे धण पयावणे lernonalis अपरिग्गहिआ इत्तर इनो अणुव्वर पंचमम्मि मोसुवएसे पढमे अणुव्वयम्मि वह अणग खित्त बंध चउन्थे अणुव्वयम्मि 909821 धन्न छविच्छेए न्यासापहार कूडलेहे विवाह वत्थु For Private & Personal Use Only रूप्प-सुवन्ने "अइभारे भत्तपाणवुच्छर नए अणुव्वयम्मि तेना हडप्पओगे तिब्व-अणुरागे कुविअपरिमाणे कूटसाक्षी दुपए चउप्पयम्मी य

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