Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Gujarat Puratattva Mandir Ahmedabad
View full book text
________________
इक्कसत्तरि । (एकसप्तति)
बावत्तरि
(द्विसप्तति)
एगणवइ. (एकनवति)
चउणवइ
रचतर्नवति)
૨૩૭ सत्तरि (सप्तति) सत्तासीद
(सप्ताशीति) एग सतरि
___अहासीइ (अष्टाशीति)
नवासीइ (नवाशीति) वा(बि)सत्तरि)
· एगणनवइ (एकोननवति) नवई
(नवति) तिसत्तरि (त्रिसप्तति) चोसतरि ।
इगणवइ चरसत्तरि । । (चतु:सप्तति)
(द्विनवति) पण्णसत्तरि (पञ्चसप्तति) । तेणवइ (त्रिनवति) छसत्तरि (षट्सप्तति)
चोणवइ सत्तसत्तरि (सप्तसप्तति)
पण्ण व अट्ठसत्तरि (अष्टसप्तति)
( पञ्चनवति) एगणासीइ (एकोनाऽशीति)। छण्णवइ (पण्णवति) असीइ ( अशीति) सत्त(त्ता)गवइ (सप्तनवति) एगासीइ ( एकाशीति) ! अट्ठ(ड)णवइ (अष्टनवति) बासीइ (द्वयशीति) ण(न)वणवइ (नवनवति) तेसीई (व्यशीति)
एगूणसय (एकोनशत) चउरासीइ ।
सय
(शत) (चतुरशीति)
दुमय . (द्विशत) पणसीइ (पञ्चाशीति)
(त्रिशत) छासीइ (षडशीति) । वे सयाई-बसें- (द्विशत)
पञ्चणवई
चोरासइि ।
१ 'सत्तरि' ने बदले 'इत्तरि' शब्द पण प्रयोगानुसारे । वपराय छे.

Page Navigation
1 ... 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456