Book Title: Prakrit Bhasha Vimarsh
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: B L Institute of Indology

View full book text
Previous | Next

Page 141
________________ बावण्णा तेवन्ना चउवन्ना, चउपण्णा, चउपण्णासा पणपण्णा, पणवन्ना छप्पन्ना, छव्वन्ना सत्तावन्ना अट्ठावन्ना, अट्ठावण्णा एगूणसहि, अउणसट्ठि, अउणट्ठि सट्टि ६९. एगसद्धि बासट्ठि, बावट्ठि, बिसट्ठि तेसट्ठि, तेवट्ठि, तिसट्ठि चउसट्ठि पणसट्ठि, पंचसट्टि छसट्ठि सत्तसट्ठि अट्ठसट्ठि, अडसट्ठि एगूणसत्तरि, अउणत्तरि सत्तरि, सयरि एक्कसत्तरि, एगसत्तरि, इक्कसत्तरि, एहत्तरि बाहत्तरि, बावत्तरि, बिसत्तरि, बिसयरि तेवत्तरि, तेवुत्तरि चउहत्तरि पञ्चहत्तरि छहत्तरि, छस्सयरि, छाहत्तरि सत्तहत्तरि, सत्तहुत्तरि अट्ठहत्तरि एगूणासीइ १२८ "७३. ७४ ७५. ७६. ७७. ७८. ७९. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160