Book Title: Prakrit Bhasha Vimarsh
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: B L Institute of Indology

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Page 155
________________ १७. १३. नाट्यशास्त्र : भरत मुनि, सं. डॉ. पार्श्वनाथ द्विवेदी, प्रका. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, १९९२; .. पाइअसद्द महण्णवो, प्राकृत ग्रंथ परिषद, वाराणसी, १९७२; १५. प्रवचन परीक्षा, सम्पा० प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; १६. प्राकृत-अपभ्रंश तथा अन्य भारतीय भाषा में, डॉ. प्रेमसुमन जैन, प्रकाशन भारत जैन महामण्डल, बम्बई, १९७५; प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, डॉ. नेमिचंद शास्त्री, प्रकाशन तारा बुक एजेन्सी, वाराणसी, १९८८; १८. प्राकृत-भाषा एवं साहित्य, सम्पा. डॉ. प्रेम सुमन जैन, प्राकृत ज्ञान भारती, एजुकेशन ट्रस्ट, बैंगलोर १९९३; . प्राकृत भाषाओं का रूपदर्शन, आचार्य नरेन्द्रनाथ, रामा प्रकाशन, नजीराबाद, लखनऊ १९७३; २०. प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, डॉ. आर. पिशल, विद्वत राष्ट्रभाषा परिषद, पटना, १९५८; प्राकृत व्याकरण, आचार्य हेमचन्द्र कृत, संपा. डॉ. के. वा. आप्टे, चौखम्बा संस्कृत भवन, वाराणसी, १९९६; । २२. प्राकृत व्याकरण, जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, ब्यावर; २३. प्राकृत व्याकरण प्रवेशिका, डॉ. सत्यरंजन बनर्जी, जैन भवन कलकत्ता, १९९९; २४. प्राकृत-शब्द प्रदीपिका, नृसिंह शास्त्री, संस्कृत परिषद्, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद १९९२; प्राकृत-साहित्य का इतिहास, डॉ. जगदीश चंद जैन, चौखम्बा विद्या भवन, वाराणसी, १९८५; प्राचीन भारत के प्रमुख अभिलेख, डॉ. परमेश्वरी लाल गुप्त, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी २००७; . २१. २६. १४२ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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