Book Title: Prakarana Ratnakar Part 4
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ कर्मग्रंथ, शुद्धिपत्रक कर्मग्रंथ पदेवो. १ गाथा ३जी पहेला पारियाफमा १० मी पंक्तिमां नामकर्मना गत्यादिक ७५ तथा पिंमप्रकृति श्७ ते विवेचनमां पिंमप्रकृतिना स्थले प्रत्येक प्रकृति र समजवानी बे. २ गाथा ५ मी नेहा पारिग्राफमां डेवटनी उपरनी पंक्तिमां स्वामी, विषय, प्रमाण, परोक्षता श्रने साधर्म्य एम करेल डे ते बदल काल, कारण, स्वामी, विषय, परोक्ष ए पांच बाबतमा साधर्म्यपणुं . ३ गाथा ४३ मी त्रीजी पंक्तिमां अणुपूर्वीचें त्रिक डे त्यां अणुपूर्वी शब्द काढी नाखी बाधे नारे फक्त त्रिक शब्द जोश्ए. कर्मग्रंथ बीजो. ४ गाथा ६ ही पारिग्राफ बीजानी ६ ही पंक्तिमां मनुष्य ते तिर्यंच अने देवायुज बांधे ते बदल मनुष्य अने तिर्यंच ते बन्ने गतिना जीव देवायुज बांधे एम जोश्ए. सम्यग्दृष्टि डे माटे. ___५ गाथा २७ मी पारिग्राफ बीजामां त्रीजी पंक्तिमा दायोपशमिक अने दायिक ए बेउ सम्यक्त्व बतां एवा शब्द ने तेमा दायिक शब्द काढी ते बदल उपशम लेवु जोश्ए. तेने १४५ नी सत्ता होय. दायिकने तो १३० नी सत्ता होय. कर्मग्रंथ त्रीजो. ६ गाथा १० पारिग्राफ बीजामा बेसी ३ पंक्ति उपरनी बे पंक्तिमा मनुष्यत्रिक, औदारिक शरीर, बहुं संस्थान अने हुं संघयण ए ६ टालीए एम जे ते समीचीन नथी, पण ते बदल मनुष्यत्रिक, औदारिक हिक श्रने प्रथम संघयण मली ६ टालवी ते बराबर लागे , थने तेमांज मेवटनी पंक्तिमा तिर्यंच करतां मनुष्यमां जिननाम उमेरवा जलामण करी तेमां उघे त्रीजे चोथे पांचमे एम बताव्युं तेमां त्रीजे शब्द प्रयोजन वगरनो के. ७ गाथा १६ पारिग्राफ बेसामा ५मी पंक्तिमा एक सुरायुज्नेलीए तेवारे ५० प्रकृतिनो बंध होय ते स्थानके ५७ बदल ५ए ग्रहण करवी. कर्मग्रंथ चोथो. ७ गाथा २४ पारिमाफ पहेलो (मश्सु) पनी मतिज्ञान मार्गणा तथा श्रुतज्ञान मार्गणा ए शब्द वधारवानो बे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 896