Book Title: Parshwanath ka Chaturyam Dharm
Author(s): Dharmanand Kosambi, Shripad Joshi
Publisher: Dharmanand Smarak Trust

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ पुस्तकमालाका परिचय हेमचन्द्रमोदी-पुस्तकमालाकी यह नौवीं पुस्तक है। इसके पहले आठ पुस्तकें निकल चुकी हैं जिनकी सूची अन्यत्र दी गई है। हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकरके संस्थापक श्री नाथूराम प्रेमीके इकलौते पुत्र हेमचन्द्र मोदीका सन् १९४२ में अचानक देहान्त हो गया जिनकी प्रवृत्ति स्वतन्त्र विचारप्रधान और चिकित्सा-प्रधान थी। विविध विषयों के अध्ययन मनन करने और उनपर लेख लिखनेका भी उन्हें शौक था। इसलिए उनकी स्मृतिकी रक्षाके लिए इस पुस्तकमालाकी स्थापना की गई और इसमें बुद्धिवादी साहित्य निकालनेका निश्चय किया गया। इसे हमेशा चालू रखनेके लिए प्रेमीजीने बारह हजार रुपयोंका ट्रस्ट कर दिया और उसकी रजिस्ट्री भी बाम्बे पब्लिक ट्रस्टके अनुसार मई सन् १९५२ को करा दी गई। उसके बाद उन्होंने १९५५ में पाँच हजार रुपया ट्रस्टको और भी सोंप दिये और इस तरह अब ट्रस्टकी पूँजी सत्रह हजार रुपयाके लगभग हो गई है। यह निश्चय किया गया है कि इस मालाकी पुस्तकें सुलभ मूल्यपर बिना मुनाफेके बेची जाएँ और बिक्रीसे वसूल होनेवाली रकमसे नई नई पुस्तकें प्रकाशित होती रहें।

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 136