Book Title: Panchastikay Author(s): Kundkundacharya, Shreelal Jain Vyakaranshastri Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad View full book textPage 1
________________ ज्ञानदिवाकर, मर्यादा शिष्योत्तम, प्रशांतमूर्ति आचार्यश्री भरतसागर जी महाराज की स्वर्णजयंती वर्ष के उपलक्ष में : आचार्य कुन्दकुन्दाचार्य विरचित पञ्चास्तिकाय श्री अमृतचन्दसूरि कृत समयव्याख्या टीका श्री जयसेनाचार्य विरचित तात्पर्यवृत्ति टीका हिन्दी अनुवाद श्रीलाल जैन न्यायतीर्थ अर्थ सहयोगी श्री हंसराज जी सेठी तत्पुत्र संजय सेठी हजारीबाग (कलकत्ता) Samtapete वाय अनेक ना विद्वत् पा mano810300 भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्Page Navigation
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