Book Title: Panchamrutabhishek Path
Author(s): Zaveri Chandmal Jodhkaran Gadiya
Publisher: Zaveri Chandmal Jodhkaran Gadiya

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -----[४]-.... ओं नमो परमशान्ताय शान्तिफराय पवित्रीकृताय अहं रत्नत्रयम्वरूपं यज्ञोपवीतं धारयामि मम गात्रं पवित्रं भवतु ही नमः स्वाहा । ( तिलक लगाने का श्लोक. ) सौगंध्यसंगतमधुव्रतझङ्कृतेन, संवर्ण्यमानमिव गंधमनियमादौ । आरोपयामि विसुधेश्वरवृन्दवन्यपादारविंदमभिध जिनोत्तमानाम् ॥३॥ (भूमिप्रक्षालनका श्लोक) ये संति केचिदिह दिव्यकुलप्रसूता, नागा प्रभूतबलदर्पयुता भुवोधाः । संरक्षणार्थममृतेन शुभेन तेषां, प्रक्षालगामि पुरतः स्नानस्य भूमिम् ॥४॥ ओं ही जलेन भूमिशुद्धिं करोमि स्वाहा ॥ (पीठप्रक्षालनका श्लोक) क्षीरार्णवस्य पयसां शुचिभिः प्रवाहैः, प्रक्षालितं सुरवरैर्यदनेकवारम् । अत्युद्यमुद्यतमहं जिनपादपीठं, प्रक्षालयामि भवसंभवतापहारि ॥ ५॥ ओं हां ही हू द्धः नमोऽईते भगवते श्रीमते पवित्रतर. जलेन पाठप्रक्षालनं करोमि स्वाहा ॥५॥ For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42