Book Title: Nyayakumudchandra Part 2
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 7
________________ समर्पणम्- . "श्रीजैनसिद्धान्तमहोदधिर्म समग्रसिद्धान्तगुरुश्चकास्ति / बंशीधरो जैनकुलावतंसी हंसीयति न्यायनये जनोऽयम् // 1 // स न्यायालङ्कारश्चश्चत्स्याद्वादवारिधिर्धीमान् / वाग्देवीनर्मज्ञो मर्मज्ञः कर्मकाण्डस्य // 2 // तस्याद्य वरिवस्यायामुपहारधिया मया / सम्पाद्य न्यायकुमुदोत्तरार्धमिदमर्प्यते // 3 // " तद यतमशिष्येण न्यायाचार्यमहेन्द्रकुमारेण

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