Book Title: Nabhak Raj Charitram Bhashantar
Author(s): Merutungasuri
Publisher: Dosabhai Lalchand Shah

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Page 5
________________ - ॥ॐ श्रीजिनेश्वराय नमः॥ ॥ॐ श्रीविधिपक्षगच्छाधिराज-युगप्रधान श्री 1008 श्रीआर्यरक्षितगुरुभ्यो नमः। श्रीविधिपक्षगच्छाचार्य-श्रीमरुतुङ्गसूरिविरचितम् गुर्जरभाषानुवादसमलङ्कृतम् श्रीनाभाकराजचरित्रम् / सौभाग्यारोग्यभाग्योत्तममहिममतिख्यातिकान्तिप्रतिष्ठा. तेजाशौर्योजसम्पदिनयनययशासन्ततिप्रीतिमुख्याः। मावा यस्य प्रभावात् प्रतिपद उदयं यान्ति सर्वे स्वभावात्, श्रीजीरापल्लिराजा स भवतु भगवान पार्श्वदेवो मुदे वः // 1 // भावार्थ-जे प्रभुना माहात्म्यथी सौभाग्य, आरोग्य माग्य, उत्तम महिमा, सद्बुद्धि, प्रसिद्धि, कांति, सुकीर्ति, / तेन, शौर्य, वळ, संपत्ति, विनय, सुनीति, यश, पुत्र-पुत्र्यादि परिवार, प्रीति विगेरे सर्वे पदार्थो निरंतर स्वाभाविक उदय आवे छे, ते श्रीमान् नीरापाल अधिराज पार्श्वनाथ भगवान् तमारा हर्षने माटे याओ. // 1 // - खा. श्री केसामन्यागग्सुरि ज्ञानमंदिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्रा, कोषा, गांधीनगर - Mission P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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