Book Title: Muze Narak Nahi Jana
Author(s): Vimalprabhvijay
Publisher: Vimalprabhvijayji

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Page 59
________________ ब्रह्मदेव ८९) भवनपति आदि देवों के भवनप्रत्ययिक अवधिज्ञान के क्षेत्र का यंत्र नाम | उत्कृष्ट से उर्ध्व अवधि । उत्कृष्ट से अधो अवधि उत्कृष्ट से तिर्छ अवधि असुर कुमार सौधर्म तक संख्यात तीसरी नारकी तक संख्यात योजन | संख्या असंख्यात योजन नागकुमारादि व्यंतर योजन संख्यात योजन संख्याता योजन वाणच्यंतर सुधीना द्वीप ज्योतिषी और समुद्रो सौधर्म रत्नप्रभा के सर्व असंख्याता योजन इशान नीचे के भाग तक असंख्याता योजन सनत्कुमार शर्करा प्रभा के दुसरे देव लोक से अधिक माहेन्द्र सर्व नीचे के भाग तक तीसरे देवलोक से अधिक वालुका प्रभा के चौथे देवलोक से अधिक लांतक सर्व नीचे के भाग तक पाँचवे देवलोक से अधिक महाशुक्र पंकप्रभा के छट्टे देवलोक से अधिक सहस्त्रार सर्व नीचे के भाग तक सातवें देवलोक से अधिक आनत प्रणात सर्व नीचे के भाग तक दशमे देवलोक तक आरण अच्युत सर्व नीचे के भाग तक ग्याहरवे देवलोक से अधिक ६ ग्रैवेयक तमः प्रभा तक बारहवें देवलोक से अधिक ७ से ९ग्रैवेयक तपस्तमः प्रभा छटे ग्रैवेयक से अधिक ५ अनुत्तर कुछ न्युन लोक नालिका लोक नालिका अंत तक स्वयंभू रमण समुद्र तक ९०) सातो नरक पृथ्वी के नारकी का उत्कृष्ट और जधन्य आयुष्य का माप पृथ्वी क्र. नारकी का आयुष्य नरक पृथ्वी । उत्कृष्ट आयु जधन्य आयु रत्नप्रभा १ सागरोपम १० हजार वर्ष शर्कराप्रभा ३ सागरोपम १सागरोपम वालुकाप्रभा ७ सागरोपम ३ सागरोपम पंकप्रभा १० सागरोपम ७ सागरोपम धूमप्रभा १७ सागरोपम १० सागरोपम तम:प्रभा २२ सागरोपम १७ सागरोपम तमस्तम:प्रभा ३३ सागरोपम २२ सागरोपम |- 5 ।। (59) हे प्रभु ! मुझे नरक नहीं जाना है !!!

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