Book Title: Munisuvrat Swami Charit evam Thana Tirth Ka Itihas
Author(s): Purnanandvijay
Publisher: Rushabhdevji Maharaj Jain Dharm Temple and Gnati Trust

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Page 80
________________ - - - . - - - - . . . . थाना और श्रीमुनिसुव्रतस्वामी . 1 FINT थाना नगर में श्रीमुनिसुव्रत स्वामी का जिनालय आज शत्रुजय तीर्थ के समान महत्त्वपूर्ण माना जाता है। प्रतिमास यहाँ हजारों यात्री आसपास के नगर ग्रामों से दर्शनार्थ आते हैं और अपने जीवन को धन्य बनाते हैं। प्रभु के दर्शन से उन्हें अनमोल प्रेरणा प्राप्त होती है और वे जीवन में नई दिशा प्राप्त करते हैं। तीसरे परमेष्ठी पद पर स्थित आचार्य भगवन्त परम कृपालु और दीर्घद्रष्टा होते हैं। वे शासनोन्नति के साथ साथ समाज कल्याण के लिए भी प्रयत्नशील रहते हैं। यहाँ के जिनालय में श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान की प्रतिष्ठा बड़ी समझदारीपूर्वक की । गयी है। मद्रास, विजयवाडा, धारवाड, हुबली, बीजापुर, कोल्हापुर, पूना आदि प्रदेशों से बंबई आनेवाले यात्रियों के मार्ग में थाना नगर स्थित है और यह बंबई के निकट है। राम, लक्ष्मण, हनुमान, रावण जैसे महापुरुष तथा सीता | जैसी महासतियों का आविर्भाव श्रीमुनिसुव्रत स्वामी और श्रीनमिनाथ प्रभु के मध्यकाल में हुआ है। इसी प्रकार अहिंसा, संयम और तप धर्म की प्रभावना करनेवाले श्रीपाल और मैनासुंदरी का जन्म भी श्रीमुनिसुव्रत स्वामी भगवान के शासनकाल में ही हुआ है। राजपुत्र होते हुए भी कर्मोदय के कारण श्रीपाल को थाना आना पड़ा था और उन्होंने यहाँ सिद्धचक्र भगवान की आराधना की थी। श्रीमुनिसुव्रत स्वामी भगवान की प्रतिमा श्रीपाल मैना सुंदरी Shree Stkihanmaswami Gyanisीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ५६

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