Book Title: Munisuvrat Swami Charit evam Thana Tirth Ka Itihas
Author(s): Purnanandvijay
Publisher: Rushabhdevji Maharaj Jain Dharm Temple and Gnati Trust

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Page 99
________________ मेष-सिंह- धन राशि ४ ३ ८ ९ ५ १ २ ६ चौवीस तीर्थंकरों का कल्प (वैज्ञानिक पध्दति) स्वयं की श्रध्दा से स्वयं का उपचार १) ॐ ह्रीं श्रीं अहं ऋषभदेवाय नमः विधि - हरेक प्रकार का भय इस जाप से दूर होता है । २) ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं अजितनाथाय नमः विधि - इस जाप की रोज १ माला गिनने से विजय प्राप्त Shree Sudhar होती है । ३) ॐ ह्रीं श्रीं अहं संभवनाथाय नमः विधि - एक माला रोज फिराने से नयी वस्तु उत्पन्न होती है जैसे पानी आदि । ४) ॐ ह्रीं श्रीं अहं अभिनंदननाथाय नमः विधि - इसकी एक माला गिनने से खुशहाली होती है । ५) ॐ ह्रीं श्रीं अहं सुमतिनाथाय नमः विधि - रोज एक माला फिराने से बुध्दि खराब हुयी हो तो . श्रीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ७५ Gyambhandar Ulmera, Strat marsaydanbhandar.com

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