Book Title: Munisuvrat Swami Charit evam Thana Tirth Ka Itihas
Author(s): Purnanandvijay
Publisher: Rushabhdevji Maharaj Jain Dharm Temple and Gnati Trust

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Page 100
________________ सुधर जाती है । ६) ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं पद्मप्रभवै नमः विधि - एक माला रोज फिराने से भाग्य खुलते हैं । ७) ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं सुपार्श्वनाथाय नमः विधि - इस जाप की चार माला फिराकर सोने से इच्छित सवालों के जवाब मिलते हैं । ८) ॐ ह्रीं श्रीं अहं चंद्रप्रभवै नमः विधि - इसकी एक माला फिराने के बाद बायें हाथ की बीच की अंगूली से स्वयं के थूक से तिलक करने पर सब वश ( काबु) में होते हैं । ९) ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं सुविधिनाथाय नमः विधि - एक माला रोज गिनने से अच्छी बुध्दि उत्पन्न होती है । १०) ॐ ह्रीं श्रीं अहं शितलनाथाय नमः विधि - इस जाप की एक माला रोज गिनने से गरमी की बिमारी शांत होती है एवं "वेयमाणे खय गया" की एक माला गिनने से कैसी भी बिमारी शांत होती है । ११) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह श्रेयांसनाथाय नमः विधि - इसकी एक माला गिनने से किसी भी प्रकार के आदमी के पास जाने से वह वश में होता है । १२) ॐ ह्रीं श्रीं अहं वासुपूज्य प्रभवै नमः विधि - एक माला रोज फिराने से मंगल ग्रह की शांति होती है । १३) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह विमलनाथाय नमः विधि - एक माला रोज गिनने से बुध्दि निर्मल होती है । १४) ॐ ह्रीं श्रीं अर्ह अनंतनाथाय नमः विधि - इस जाप की एक माला रोज फिराने से विद्या की श्रीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ७६ Shree Suahan maswami Syanbhandara, Surat humaragyanbhandar.com

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