Book Title: Multan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Multan Digambar Jain Samaj

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Page 4
________________ सन्देश Marwar 7 . Lr परम श्रद्धय पूज्य श्री कानजी स्वामी सोनगढ (गुजरात) मुलतान दिगम्बर जैन समाज आदर्शनगर का पत्र डा० श्री हुकुमचन्द जी भारिल्ल ने जब पूज्य कानजी स्वामी को पढकर सुनाया तो उनके मुख से जो अमृत वचन निकले वे इस प्रकार है - "मुलतान दिगम्बर जैन समाज तत्व प्रेमी समाज है। दो सौ पच्चीस वर्ष पहले मुलतान की समाज के प्रश्नो के उत्तर मे ही पण्डित श्री टोडरमल जी ने अपनी रहस्यपूर्ण चिट्ठी लिखी थी। अच्छा है कि वे वेदी प्रतिष्ठा और पुस्तिका प्रकाशन कर रहे हैं । उनको ही क्या हमारा तो सवको ही यह मगल आशीर्वाद है कि सभी जीव तत्वाभ्यास कर शुद्धात्मतत्व को प्राप्त करे, आत्मा का अनुभव करें, अनन्त सुखी हो ।

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