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मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला : प्राकृत ग्रन्थांक-१९
श्रीमद्वट्टकेराचार्य-प्रणीत
मूलाचार
भाग-१
|श्री वसुनन्दी सिद्धान्तचक्रवर्ती द्वारा विचरित
आचारवृत्ति संस्कृत टीका सहित)
हिन्दी टीकानुवाद आर्यिकारत्न ज्ञानमती जी
सम्पादन सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री
पं. जगन्मोहनलाल शास्त्री डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य
Ca थापना
भारतीय ज्ञानपीठ
तृतीय संस्करण : १९९९ - मूल्य १२०.०० रुपये
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