Book Title: Mrutyu Mahotsav
Author(s): Dhyansagar Muni
Publisher: Prakash C Shah

View full book text
Previous | Next

Page 55
________________ 5 मृत्यु महोत्सव आत्मा किसी को मारती नहीं, और किसी से मरती भी नहीं । आत्मा अजर, अमर, अजन्मा और अविनाशी है । अपनी मृत्यु के आगमनसे हम इतने भयभीत हैं कि अन्य की मृत्यु पर हम आंसु बहाने लगते हैं । • ईश्वर जिसे बहुत चाहता है उसे जल्दी ही अपने पास बुला लेता है । - मिदेन्डर - • मृत्यु से ज्यादा सुंदर घटना और कोई हो ही नहीं सकती । • योग्य व्यक्ति को ईश्वर आसान मौत देता है । - वोल्ट व्हीटमेन - - स्वेत्लाना अलीलुवा जिस प्रकार आनंद में व्यतीत हुये दिन के अंत में अच्छी नींद आती है उसी प्रकार अच्छी तरह से जी गई जिंदगीके अंत में मृत्यु भी सुखद होती है। - लीयोनार्डो-द- 1 - विन्सी मृत्यु की निश्चितता जीवन मूल्यों को ज्यादा अर्थपूर्ण बनाती है । - जोरवा लिष्मेन अंत में आत्मा परमात्मा में मिल जाती है । जीवन जीने में इतने व्यस्त रहो कि मृत्यु का विचार - बाईबल भी न आये । - रहोडो बेकर मृत्यु के बारे में मैंने बहुत विचार किया है, और मुझे वह सबसे छोटा अनिष्ट लगा है। मृत्यु जन्म जितनी ही सहज है और छोटे-छोटे बालकों के लिये तो एक समान पीडाकारक भी । - फ्रान्सिस बेकन जिस प्रकार बालक अंधेरे में जाने से डरता है, उसी प्रकार मनुष्य मृत्यु से डरता है, इसका कारण उससे संबंधित अनेक प्रकार की बातें होती है। - फ्रान्सिस बेकन - • मृत्यु के लिए तैयार रहो, जीवन और मौत दोनों मीठे लगेंगे। - शेक्सपियर कायर व्यक्ति मृत्यु से पहले अनेक बार मरता है, परंतु वीर पुरुष एक ही बार मरता है । २८ - शेक्सपियर -

Loading...

Page Navigation
1 ... 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68