Book Title: Mrutyu Mahotsav
Author(s): Dhyansagar Muni
Publisher: Prakash C Shah

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Page 57
________________ कलकल कष्ट मृत्यु महोत्सव कलकल कर कार का • कार्य करो ऐसा मानकर कि तुम सौ साल जीनेवाले हो, प्रार्थना करो ऐसा मानकर कि कल तुम्हारी मौत होनेवाली है। • जो जान लेता है कि मैं भिन्न हूँ और देह भिन्न है उसके लिये मृत्यु है नहीं। - ओशो • छः गज जमीन, सबका एक ही नाप है। - इटालियन कहावत • अपनी अंतिम पोषाक में जेबें नहीं होती। - इटालियन कहावत • जब तक मौत सामने आकर खडी न हो जाये, तब तक तुम जीवन कितना सुखद है वह नहीं कह सकते क्योंकि अभी तक तो तुम जीये ही नहीं। - ज्होन गाल्स वेर्वी मौत का पंजा जब अपने प्रियपात्र पर पड़ता है, तब हम पहली बार मौतको पहचानते हैं। - मा. द. स्टेइल बिछड़ने की घड़ी आ गई है, और हम अपने रास्ते चलेंगे मैं मसँगा, तुम जीओगे, ईश्वर ही जाने, अच्छा क्या है ? - सोक्रेटिस • मृत्यु से मुक्त नहीं हो सकते, मृत्यु को जीत नहीं सकते, ___ मृत्यु को जानना है, जानना ही मुक्ति बन जाता है। -ओशो • कब और किस प्रकार मरना वह तुम निश्चित नहीं कर सकते, लेकिन जीवन किस प्रकार जीना वह तो तुम निश्चित कर सकते हो। - ज्होन बेइझ मरनेवाले के पीछे शोक मत करना क्योंकि वह तो सभी पीडाओं से मुक्त हो गया है। .. -पालादास मरनेवालोंमेंसे जिन्होंने संसारी तृष्णाओंका त्याग किया हो वे निर्वाण को प्राप्त करते है। • मृत्यु एक विश्वास है, और वह है आनेवाले कल का अभाव। - एरिफ होकर व • मृत्यु के बाद भी अगर लोगों के दिलों में अपना स्थान हो, तो वह मृत्यु नहीं है। - थोमस केम्पबेला

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