Book Title: Mrutyu Mahotsav
Author(s): Dhyansagar Muni
Publisher: Prakash C Shah

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Page 62
________________ मृत्यु महोत्सव प्रत्येक बिदाई पर है मौत की छाया । जो मृत्यु से नहीं डरता, वह धमकी से नहीं डरता । जीवन के प्रति लालसा के तल में होता है मौत का भय । क शुभ जीवन डरता नहीं है-न मौत से, न जीने से । बीच के अवकाश को मनाने के सिवा जन्म और मृत्यु का कोई इलाज नहीं है। मृत्यु के पहले सारा ही जीवन जीवन है । माता पालने के पास जो लोरी गाती है, वह चिता तक के लंबे पथ पर पीछा करती है । • प्रेम मृत्यु का एकमात्र असरदार प्रतिकार है । • ये तो कैसा महान प्रभु ! जो सबसे शक्तिशाली राजा के बल को भी मटियामेट कर देता है ? स्वर्ग में अगर हँसने की छूट न हो, तो मुझे वहाँ नहीं जाना । - मार्टिन ल्यूथर किंग वस्त्र पुराने तजकर मानव नये वस्त्र शरीर पर धरता है, आत्मा खोखले शरीरको तजकर ताज़े शरीर को ग्रहता है । मृत्यु वृद्ध आदमी के पास जाती है और युवा आदमीके पास आती है । जिस प्रकार से हम जीते हैं उसी प्रकार हम मरते हैं । मरे हुए या अनुपस्थितके बारे में अच्छा बोलो अथवा चुप रहो । पृथ्वी पर सब से बड़ा भ्रम मृत्यु है । वास्तव में तो मृत्यु मात्र जीवन का बदला हुआ एक पहलू है । जो जीता है वह मरता है, जो खिलता है वह मुरझाता है, जो भरा हुआ है वह खाली होता है, और जो चढ़ता है वह गिरता है । जो हरा है वह सूखता है, जो नया है वह पुराना होता है । समय सब का विनाशक है । - शामल जो मौत से नहीं डरता वह, कुछ भी कर सकता है । सबसे प्राचीन मूक और बधिर आश्रयस्थान कब्र है । फेशन, प्यार और मृत्यु - जगत के तीन सम्राट है । • मृत्यु के सिवा अपने खुद का कुछ भी नहीं है । ३५

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