Book Title: Mrutyu Mahotsav
Author(s): Dhyansagar Muni
Publisher: Prakash C Shah

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Page 65
________________ कलकल कल कालका मृत्यु महोत्सव कलकल कल कल कम्यू • जीवन की सब से बड़ी हानि मृत्यु नहीं है, जीवन में जो हम अंदर से मर जाते हैं, वही बड़ी हानि है। -नॉर्मन कजिन्स । मौत को दोस्त बनाते हो, तो दोस्ती निभाओ और अगर दुश्मन बनाते हो, तो उसे जीतो। अगर वह अजनबी बनकर आ गयी, तो हानि पहुँचा सकती है। -क्वार्ल्स जब हम होते हैं तब मौत नहीं होती और जब मौत होती है, तब हम नहीं होते, अतः जो सब खतरों में सबसे खतरनाक है वह हमारे लिये कुछ नहीं। -एपीक्यूरस हम अपनी मृत्यु से डरते हैं अतः दूसरों की मृत्यु पर आँसू बहाते हैं। ___-महात्मा गांधी • तमाम उम्र मुझे जिंदगी ने लूटा है, आज मौत के हाथों में पहुँच कर । सुरक्षित हूँ! -आदिल मन्सूरी मैं भले मर जाऊँ, परन्तु मुझे शत-प्रतिशत विश्वास है कि मेरे गुण अमर रहेंगे। ___ -आर. डब्ल्यू. एमरसन जितना अधूरा जीवन, उतना ही मृत्यु का डर।- ... __-लिस्ल मार्बर्ग गुडमैन • जीवन एक हाथ से छूटा काँच का प्याला है। -आचार्य विद्यासागर । • शेर की जिंदगी जीनेवाले कुत्ते की मौत नहीं मरते। -अज्ञात • कभी न होगा जिंदगी का यह सफर खत्म, मौत सिर्फ रास्ता बदल लगाउ लागणारा लपक लपक लपक लपक लपक लपक लामा ला ला ला ला ला देगी। अपनी जन्मसे मृत्यु तक की यात्रा सात हिस्सों में बँटी हुई है। (१) नर्स के हाथों में उवाँ ! उवाँ ! करते एक नवजात शिशु के रूप में! (२) चमकता चेहरा और कंधे पर किताबों का थैला लटकाये हुए लड़के के रूप जो स्कूल जाने की अनिच्छा के कारण कछुओ की चाल चलता है। (३) भट्ठी की तरह गरमागरम निश्वास फेंकते हुए एक प्रेमी के रूपमें, जो अपनी प्रियतमा भँवर पर एक दर्द भरे काव्य की रचना कर लेता है। (४) विचित्र प्रकार की अनेक प्रतिज्ञा लेते हुए दाढ़ीधारी सैनिक के रूपमें जो मान पाने के लिए किसी से इर्ष्या करता है, 1

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