Book Title: Mrutyu Mahotsav
Author(s): Dhyansagar Muni
Publisher: Prakash C Shah

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Page 59
________________ कलकलाकात काल कब मृत्यु महोत्सव कलकल कलाकारकडून • जब आम आदमी मर जाते हैं तब धूमकेतु दिखते नहीं हैं, परंतु जब किसी बडे आदमी की मृत्यु होनेवाली हो तब तो आसमान भी आग उगलने लगता है। - शेक्सपियर इंसान को ख्याल है कि जब समय होगा तब मृत्यु आयेगी ही फिर भी वह उसके आगमन के ख्याल मात्र से ही डरता है। - शेक्सपियर • मृत्यु कभी रिश्वत नहीं लेती। • मृत्यु याने अंत या अंतराय नहीं; परंतु नई सीढ़ी का प्रारंभ है। - डॉ. राधाकृष्णन • हमने मृत्यु को ज्यादा से ज्यादा विकृत रूप से चित्रित किया है। - आल्डस हक्सली • प्रत्येक व्यक्ति मृत्यु की अनिवार्यता को समझता है, फिर भी वह उसके बारे में कभी भी विचार नहीं करता। - महाभारत • लोग मौतसे नहीं, लेकिन अपनी अपूर्णताओंका हिसाब देनेसे डरते हैं। -गुडमेन • एक बार हम अपनी खुद की मृत्यु को स्वीकार कर लेते हैं, तो यकायक जिंदगी जीने के लिये हम मुक्त हो जाते हैं। जैसे जैसे हम अपनी मृत्यु के करीब जाते हैं वैसे वैसे हम ज्यादा खिलते जाते हैं। • सभी वस्तुएँ पृथ्वी से विकसित होकर पृथ्वी में ही वापस परिवर्तित होती है। • मृत मानव मृत ही है जिसको कोई नाम निशान नहीं है। मृत्यु यानि मृत्यु की बातों से छुटकारा और एक ही पल में उसकी समाप्ति। . - सेम्युअल बटलर अमरत्व भी एक अभिशाप है। "मैंने वह गँवाया" ऐसा अफसोस कभी मत करो। सिर्फ इतना ही कहो कि “मैंने वह लौटा दिया"। ऐसी भावना करने से कभी कुछ 7 जाने या गँवाने का दुःख नहीं होगा। • पतझड़ आयेगा ही नहीं तो बसंत का मूल्य कैसे समझमें आयेगा? • इस जिंदगी में मृत्यु को पाना इसमें कुछ नया नहीं है, परंतु वैसे तो , A यूं ही जिंदगी जीने में क्या नया है ?

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