Book Title: Mahavira ka Swasthyashastra
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ बनेगा पवित्र जीवन, गात्र बदलेगा चिन्तन का कोण, विकसित होगा नव दृष्टिकोण सुझाएगा औषध का विकल्प ध्यान-योग का संकल्प प्रेक्षा-अनुप्रेक्षा का उपक्रम देगा जीवन को नव्य अभिक्रम नया आश्वास नया विश्वास नया उच्छवास शरीर और मन की सीमा से परे स्वास्थ्य की चेतना का दर्शन कर पाएगा जीवन में नए क्षितिज का उद्घाटन । मुनि धनंजय कुमार ४ जून १९९७ तेरापंथ भवन गंगाशहर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 186