Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[ अ-अ ]
अनेजकदेवता - २५४ अनेजोति - १६७
अनोतत्तदहं - २१ अनोनमन्तोति - ३४
अनोमदस्सी - ४
अनोमनदीतीरे - २१९
अनोमसत्तपरिभोगं - ३१
अन्तरधानन्ति - ३४९
अन्तरायो - ८२, १८१ अन्तलिक्खेति - २२
अन्तेवासिकसमानुपज्झायकादिके - ३४६
अन्तोउदकपोसीनि ५३
अन्तोजम्बुदीपाभिमुखा - ४४ अन्तोनिमुग्गपोसीनीति - ५३
अन्तोपरिसोकोति - ३४९
अन्तोलेणाभिमुखं - २५८
अन्तोविमाने - २६७
अन्तोसमापत्तियं - १३६, २६७
अन्तोसोको - ३४९ अन्दुबन्धनादीनि - २८
अन्धकाराति - २३
अपचयगामिं - २११
अपात्तं - ९७, १०३, १६५
अपदानन्ति - १४०
अपरगोयाने - २४३ अपरद्धन्ति - - १३० अपरन्तजनपदोति - ६५ अपराजितसङ्घ - २४५ अपराधोति - १३८ अपरापरचुतिपटिसन्धीहि - ४५ अपरामट्ठानि - ११३
अपरिच्छिन्नदुक्खानुभवनं - १५६ अपरियोसितसङ्कप्पोति - २९८
अपरिसुद्धानि - ३३९ अपरिहानियेति - १०२ अपलिबुद्धी - २०९
सद्दानुक्कमणिका
"
अपलोकनकम्मं - १३९ अपविद्धन्ति - २६३ अपस्सेनफलकं - २२१ अपायदुक्ख - ३४५ अपायभयपच्चवेक्खणता - ३४० अपायभयं - ३४१ अपायोति - ७७ अपारुताति- ५५, २१४ अपिलापनता - ३१५ अपूरितपारमी - ७६ अप्पटिक्खित्तं - १४१ अप्पटिपुग्गलोति - १६७ अप्पटिवत्तियधम्मचक्कप्पवत्तनस्स - २८ अप्पटिविभत्तभोगी - ११० अप्पटिवेधाति - ७६, ११९ अप्पटिसन्धि - ३५१ अप्पटिसंवेदनो - ८५ अप्पणिहितं - ३५१ अप्पना - ३४० अप्पनाकम्मट्ठानानि - ३२६, ३५५ अप्पनासमाधि - ३२९
अप्पनिग्घोसो - ११२ अप्पनं - १३६, ३४०, ३४६
अप्पमाणाभा - ९० अप्पमादविहारी - २६० अप्पमादेन - १२१, १६६ अप्पमंसलोहितत्ता - १४८ अप्परजक्खजातिकाति - ५२ अप्पलाभा - २३५ अप्पवत्तिनिब्बानं - ३४७ अप्पवत्तं - ३५१ अप्पसारानीति - ३६१ अप्पो सुक्को - १२५ अब्भवलाहकदेवता - १५३ अब्भवलाहका - ६, २५४
अब्भोकासवासो -- ३३३
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