Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 422
________________ [प-प] सद्दानुक्कमणिका परसम्पत्तिखीयनलक्खणा-२३२,२७८ परहेठना-२३२ पराजयगुळं-३६२ परिकम्मसञ्जाविरहितो-१३६ परिग्गहोति-८० परिचरणभावं-२६८ परिचारिकाति-२६७ परिचिताति-१२९ . परिज्ञापटिवेधेन-३५२ परिणायकरतनं-३१,६४,६५, १९७ परितस्सनाति-२३० परित्ताति-१३२ परित्तानीति-१३५ परित्ताभा-९० परित्तं-६, ५२,८४,८५, ९०, १३६ परिदेवो-३४९ परिनिब्बानकालो-१२५ परिनिब्बानदिवसे-१५० परिनिब्बानसमताय-१४५ परिनिब्बानं-१४२, १५४, १६७,१६८,१७१,१७४ परिनिब्बायतीति-८८ परिनिब्बायीति-१६७ परिनिब्बुतकालतो- १८१ परिनिब्बुतभावं-१६८ परिनिब्बुतभिक्खुनो - १५७ परिनिब्बुतोति- १३९, १४५, १४६, १७१, १७७ परिपुच्छकताति-३३९ परिपुण्णन्ति-१८७ परिभाविता-११४ परिभोगछन्दो-२८० परियत्तिधम्ममच्छरियेन -२७९ परियत्तीति-१०७ परियादानवचनं -३४८ परियुट्ठितचित्तोति-१२९ परियेसनाति-२९३ परियोसानकल्याणं-३०७ परियोसितसङ्कप्पोति - २२५ परिवितक्को - ५८, १२५ परिसुद्धसीला-२६८,२६९ परिसुद्धसीलो-११० परिसुद्धो-७४, २४२, ३४२ परूपघातीति-६१ परूपवादमोचनत्थं-१४२ पलिपन्नन्ति-४१ पलिस्सजाति-२६५ पलोकधम्म-१३८ पल्ललानि-११८ पवत्तिदस्सनत्यं - १६८ पवारणदिवसे-२९५ पवारणसङ्गहत्थेन-२२६ पवाळदण्डसतेन-१८८ पविचयलक्खणो–१०८ पविचयो -३१४ पविवित्तचित्तेन-३०१ पविवेकाय - १४० पवुत्ततालपक्कं -३४२ पवेणीकथं-१०४ पवेणीपोत्थकं-९८ पसटचित्तं -३२९ पसन्नचित्तो-१५३, १९४ पसन्नरूपं-१४४ पसन्नोति-१६६ पसादनीयसुत्तन्तपच्चवेखणता-३४४ पसादसद्धा-१०७ पसाधनकिच्चं-१६९ पसेनदिना-१ पस्सद्धकायं-३४४ पस्सद्धिसमाधिउपेक्खासम्बोज्झङ्गसमुठ्ठापनेन- ३४५ पस्सद्धिसम्बोज्झङ्गो-१०८ पहटबुद्धवीथियाव-२४४ पहानपटिवेधेन-३५२ पहारदानं-१७३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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