Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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पेतो - २७९ पेत्तिविसयं - ५७ पेसकारकजियसुत्तं -
पेसलाति - १०४ पेसितचित्ता - १५६, २४८ पेसुञकारकोप - २७४ पेसुञकारकं - २७३
पोक्खरणिं - १२३, १९९, २००, २१५, २६४, २७२,
२७३, २७५, २७६
पोक्खरसाति - ६ पोतनं - २२८ पोथुज्जनिकसद्धाय - १७७
पोनोब्भविकाति - ३५०
पोनोब्भविकाय - १०४
पोराणकत्थेरा - ३०२ पोराणकुमारो - -२३० पोसावनिकपुत्तत्तापि - ३५७, ३५८ पंस्वागारकीळनं - २०४
फ
- ७६
फन्दनजातकं - २४० फरणलक्खणो - १०८
फलकावुधानि – २३९
फलचित्तं - ११४ फलञाणानि - ४८ फलप - ११४
फलविमुत्ति - २१४
फलसमाधिना - १७ फलसमापत्तिधम्मोपि - १२२
फलसमापत्तिविहारेन - १२४, २६७
फलसमापत्तिं - १२३, १२५, २५७, २६७
फलसम्माञाणे - २१४
फलसम्मादिट्ठियं - २१४ फलसम्मासङ्कप्पो - २१४ फलसीलेन - १७
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दीघनिकाये महावग्गट्ठकथा
फलकचेतियं - १८२
फलिकमया - १८६, २१६
फलूपगरुक्खा - ९
फस्सपञ्चमका - २८२
फस्सवसेन - २८२, २८३, ३२७
फरससमुदयाति - ४७
फस्सोति - ७८, ८१, ८२ फारुसकवनन्ति - २६१
फासुका - ४८, २०० फीतन्ति - १३० फुल्लसालं - २६५ समित्ता- ८९ फुस्सोति - ४ फोटुब्ब
१- २८०, २९५
व
कसकुणिका - २७६
बदर आमलक - ५ बद्धपिण्डिकमंसो - ३४
बद्धमुखो - १५६ बन्धुजीवकपुप्फसदिसेन - ३७
बन्धुमती - २०
बन्धुमा - २०
बलकायो - ४१
बलन्ति - ८३ बलभेरिं - १०१
बलवपच्चूससमये - ७६, १५०, १६२ बलवपञ्ञ - ३३९
बलवपीतिसोमनस्सं - १४६, २९७
बलवरागो - ८० बलवविपस्सना - ४६
बलववीरियं - ३४०
बलववेदनाय - ३२७ बलवसद्धी - ३३९ बलवसमाधिं - ३३९
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