Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 420
________________ [प-प] सद्दानुक्कमणिका [३१] पञ्चालरट्ठधिपतिस्स-६६ पञ्चिन्द्रियानि-५३ पञ्चुपादानक्खन्धा-५२ पञ्चत्तवरबुद्धासने-११ पञत्तिपथोति-८३ पञ्चवन्तोति-१०८ पञवा-५२,३०५ पञ्जा-४५,४६, २००, २३५, २६५, ३१४, ३४० पञाआलोको-३१४ पञाओभासो-३१४ पञाधम्मो-४६ पआपज्जोतो-३१४ पापनायाति-८४ पञापारमी-२१९ पाबलं-३१४ पञ्चावचरन्ति-८४,८८ पाविमुत्तो-८८,९१ पञाविमुत्तोति-९१ पचिन्द्रियं -३१४,३३९ पञ्हाब्याकरणं-२०६ पटाचारा-३०३ पटिकिरिया-२२९ पटिकूलमनसिकारपब्बन्ति-३२६ पटिकूलसञ्जा-२९४ पटिघनिमित्तं-३३२ पटिघसम्फस्सोति-८१ पटिघानुसयन्ति-७५ पटिच्चसमुप्पन्ना-८६, ३२८ पटिच्चसमुप्पादोति-७७ पटिच्चसमुप्पादं -४९, ५१, ५७ पटिनिस्सग्गो-३५१ पटिपत्तीति-१५६ पटिपदााणदस्सनविसुद्धिनिद्देसे - १३८ पटिपन्नभावदस्सनत्थं-२१० पटिपन्नोति-१५२, २१९ पटिपुच्छाब्याकरणीयो-१४१ पटिप्पस्सद्धिविमुत्ति-१७ पटिबलोति-२६१ पटिबाहायाति-११६ पटिभागपुग्गलविरहितो-१६७ पटिलद्धसमथो-३१४ पटिलद्धसमाधि-२१० पटिलाभछन्दो-२८० पटिलोमतो-७४ पटिलोमन्ति-९३ पटिविद्धअसाधारणबाणो-२२६ पटिविद्धदेवतानं-१२५ पटिवेधक्खणे-३५३ पटिवेधगम्भीरताति-७५ पटिवेधोति-१०७ पटिवेधं-२८३ पटिसङ्खानबहुलता-३३२ पटिसङ्खानलक्खणो-१०८ पटिसन्थारधर्म-१५८ पटिसन्थारं-७१,९९,१५९ पटिसन्धि-२०,२१ पटिसन्धिआरोहनं-१६ पटिसन्धिक्खणे-२४ पटिसन्धिचित्तं-२० पटिसन्धिचित्तेन-८२ पटिसन्धिविआणन्ति-८३ पटिसन्धिविज्ञाणभावन्ति -८३ पटिसन्धिविज्ञाणे-८२ पटिसन्धिसञ्जा-८९ पटिसम्भिदा-४८,१४० पटिसम्भिदामग्गतो-३०२ पटिसम्भिदाहि-१०५, १२२, १६३, २४२, २८८, ३०३, ३०५, ३२७ पटिसल्लीना-२६३ पटिसंवेदेतीति-३६१ पठमज्झानलाभिनो-३५४ पठमज्झानसतिं-२६९ 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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