Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
View full book text
________________
[३०]
नीलरस्मियो - २४४ नीलवण्णाति आदि - १२१ नीलवण्णानीति - १३६
नीलालङ्काराति - १२१ नीलुप्पलपुप्फानि - १८४ नीवरणपरिग्गहो - ३५५ नीवरणपरिग्गाहिका - ३३५ नीवरणप्पानं - ३१३ नेक्खम्मपारमी- २१९ नेक्खम्मसितउपेक्खावेदना - ३२८ नेक्खम्मसितदोमनस्सवेदना - ३२८ नेक्खम्मसितसोमनस्सवेदना - ३२८ नेक्खम्मसिता - २९०
नेमिसद्दो- २६७
नेवसञ्ञानासञ्जायतनसमापत्तिया - २२५ नेवसञ्ञानासञ्ञायतनं - ९१, १६६, ३५४
नेवासिका - १०४, १०५, १११
न्हारुकार्य - ३१२ न्हारुसम्बन्धन्ति - ३२६
प
पकतञ्जुता - ३३४, ३३५
पकतिपथवी - १५४
पकतिब्रह्मानं - २३६ पक्कपारिवासिकभत्तं - ३४१ पक्खित्तदिब्बोजानि - ८
पक्खित्तधातुयो - १८०
पक्खित्तलोणं - २६९
पक्खिनोति - ७८ पगुणकम्मट्ठानं - ३१९
पग्गहकिच्चं - ३३९
पङ्गुळा - २
पच्चत्तवचनं - २२५ पच्चनीकधम्मे- १३५ पच्चनुभवितुं - २६८
Jain Education International
दीघनिकाये महावग्गट्ठकथा
पच्चयधम्मस्स - ७६ पच्चयनिरोधञ्च - ४६ पच्चयसमोसरणन्ति - ८१
पच्चयाकारं - ४७, ६७, ७६, ७७ पच्चवेक्खणन्ति - ३२४
पच्चवेक्खणानुभावेन – ५१ पच्चवेक्खणासमनन्तरन्ति - १६७
पच्चुपट्ठितचित्तसन्तानोति - ९९
पच्चुपलक्खणा- ३१४
पच्चेकबुद्धा - २, ३, २०, ७५, १६७, ३०३ पच्चेकबुद्धी - २४७
पच्चेकबोधित्राणं - ५६, ७५
पच्चेकबोधिं - २६८ पच्छानिपातिनी - १९६ पच्छाभत्तन्ति - २
पच्छिमयामे - ४७, ५१, ७६, १४९, १६२, २८७ पच्छिमसावको १४८ पजाननपरियायो - ३२८
पजानातीति - ९१, २८५, २८९, २९०, ३२२, ३२७,
-
३२८, ३३०, ३३६, ३४७ पज्जलितो - २३४ पज्जोतनिब्बानसदिसो - - १६७ पञ्चकामगुणिकचित्तानि - २७० पञ्चकुण्डलिको - २१५ पञ्चक्खन्धपरिग्गण्हनेन - ३३६
पञ्चक्खन्धविनिमुत्तं - २८२ पञ्चक्खन्धाति - ३६० पञ्चगतिपरिच्छेदकत्राणं - ४८ पञ्चनीवरणवसेन - ३३५ पञ्चनीवरणानि - २१२
पञ्चबुद्धुप्पादपटिमण्डितत्ता - ४ पञ्चम अभिभायतनादीसु - १३६ पञ्चमहाविलोकनं - १९, २०
पञ्चवोकारभवे - ९३
पञ्चसिखोति - २०९, २१५ पञ्चसीलं - ३४४
30
[प-प]
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466