Book Title: Mahavaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 402
________________ [ऊ-ए] उप्पादवयधम्मिनोति - १६७ उप्पादवयसभावा- १६७ उप्पादितज्झानस्स - ९२ उभतोभागविमुत्तपञ्हो - ९३ उभतोभागविमुत्तो - ८८, ९३ उभतोभागविमुत्तोति - ९३, ९४ उभतोविभङ्गो - १६४ उभयनगरवासिनो - २४० उभयविमुत्तिविरहितं - ३३० उभयसमाधिविरहितं - ३३० उमापुप्फदेवा - २५४ उमापुप्फन्ति - १३६ उमापुप्फसदिसेन - ३७ उय्यानभूमियाति – ४१ उसूया - २३२ उस्मा - ३२५ उसङ्घपादो १- ३३ उस्सन्नपुञ्ञनिस्सन्दसमुप्पन्नो - २२० उस्सितसुवण्णतोरणं - ३४ उळारोति - २२, २०८ उम्पन्ति - ११८ ऊ ऊन आयुकालोपि - १९ ए एकगन्धकुटियं - १२ एकग्गता - ३४० एकच्छन्दा - २७२ एकत्तकाया - ९० एकत्तसञ्चिनोति - ९० एकत्तसमोसरणवसेन - ३१० एकथालिपाको २०३ एकधम्मोप - ८६ Jain Education International सद्दानुक्कमणिका एकन्तछन्दाति - २९५ एकन्तवल्लभो - ७३ एकन्तवादाति - २९५ एकपटक धरा एकमग्गो - ३०० - ८५ एक मिदाहन्ति - ९९, १३८ एकविहारे - ५४, २४६ एकसन्धि - ७४ एकादस अग्गिनिब्बायनस्स - २९ एकायनमग्गोति- ३०९ एकायनोति -३००, ३०१ एकायनं - ३०१ एकासनिकखलुपच्छाभत्तिकानं - २ एकीभूतो - २३१ एकोघपुण्णा - २२३ एकोदिभूतोति - २३१ एकसब्याकरणीयो - १४१ एजाति - २९६ एणिजयोति - ३३ एरावणो - ६४, २५२ एवमादिदोसदस्सनत्थंएवं धम्मात - १७ एवं पञ - १७ एवंमहानुभावा- २३ एवंमहिद्धिकाति - २३ एवंमहिद्धिकेति - ९५ एवंमहिद्धिको - ३० एवंसञ्जी - १३६ एवंसीला - १७ एसनतण्हा - ७९ एसिकत्थम्भो - १८६ एसितता - ७९ एका कं 13 - २७७ For Private & Personal Use Only - ८६ [१३] www.jainelibrary.org

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