Book Title: Lipi Vikas
Author(s): Rammurti Mehrotra
Publisher: Sahitya Ratna Bhandar

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Page 55
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लिपि विकास (४):-अंग अनुयोग, अभिनय, अवस्था, आश्रम, ईश्वर, उपाय, कथा, कास्य, फॅट, केन्द्र, कोष्ट, खानि, गज-जाति, गति, गोचरण, गो स्तन, चरण, चतुर, चतुष्टय, चार, जल, जलधि तथा उसके पर्याय । अंबुधि, अबुनिधि, अर्णव, जलनिधि, जलाशय, दधि, नीरधि, नीरनिधि, पयोधि, पयोनिधि, पारावार, वारिधि, वारिनिधि, समुद्र, सागर, सिंधु ), दशरथ-पुत्र, दिशि, तथा उसके पर्याय (दिशा आदि ), नीति, फल तथा उसका पर्याय (पदार्थ), बन्धु, बुद्धि, माला, भुक्ति, याम, युग, रीति रोहिणी, लोक-पाल, वर्ण, वाणिज, विधि, विधि, मुख तथा उसके पर्याय ( ब्रह्म-मुख आदि), वेद तथा उसका पर्याय (श्रुति ), सनकादि, संघात, संज्ञा, सेनांग, स्वतक, सम्प्रदाय, हरिभुज तथा उसके पर्याय (विष्णु-भुजा, हरि-वमु आदि)। (५):-अंग, अक्ष, अर्थ, असु तथा उसका पर्याय (प्राण) आचार, करांगुलि, गव्य, गति, गिरि, ज्ञान, तत्त्व तथा उसका पर्याय (भूत), पर्व, पवन तथा उसके पर्याय ( अनिल, मरुत, बात, वायु, समीर, आदि), पंच, पंचक, पंचकूल. पांडव, पाप, प्रणाम, प्रजापति महाकाव्य, महायज्ञ, माता, मृगशिर, मरु, यज्ञ. रत्न, वर्ग वर्ण, वलि, विषय, व्रत, शर तथा उसके पर्याय (नागच, पत्री, वाण, विशिख, शर, शिलीमुख, सायक), शरीर, शस्त्र, श्रम, समिति, सुर, सुमति, स्थानक, स्वर । (६):-अंग, अंगिरस, ऋतु, करम, कार्तिकेय, कारक, करल, क्षमाखंड, खर, गुण, चक्रवत्ती, जीव, तर्क, तृण, देह, द्रव्य, पद, भाषा, सू-खण्ड, भृगपद तथा उसका पर्याय अलिपद, यति, रति, रस, राग, रामा, रिपु,तथा उसका पर्याय अरि), लेश्या, वर्ण, वदन, वर्षधर, वेदांग, शर, शिलीमुख, पद, पटाद, समास, स्वर, संपत्ति। For Private And Personal Use Only

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